इंदौर जिले के केन्द्रों पर नियमित मिलेगा खाद, पर्यप्त मात्रा में है भंडारण 

Share on:

इंदौर जिले में नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त हो रही है। जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में खाद का भंडारण है। जिले में लगभग 300 केन्द्रों से सुगमता के साथ खाद का वितरण किया जा रहा है। कलेक्टर इलैया राजा टी ने निर्देश दिये है कि खाद की सतत आपूर्ति बनाई रखी जाये। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दें। किसानों को निर्धारित दर पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराये।

 

उप संचालक कृषि एस.एस. राजपूत ने बताया कि जिले में रबी के कुल लक्ष्य के विरूद्ध लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र में बोनी का कार्य हो चुका है। जिले में इस वर्ष रबी में 2 लाख 45 हजार 525 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य है। जिसमें गेहूं फसल की बोवनी एक लाख 87 हजार हेक्टेयर में होना संभावित है। गेहूं की फसल में बोवनी के पश्चात प्रथम सिंचाई पर यूरिया टॉप ड्रेसिंग की आवश्यकता होती है। अभी तक रबी फसल हेतु जिले में उर्वरक यूरिया 19 हजार 100 मेट्रिक टन, डीएपी 3 हजार 904 मेट्रिक टन एवं एनपीके 13 हजार 206 मेट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है तथा लगातार उर्वरक रेक की आपूर्ति जिले में हो रही है।

जिले में उर्वरक वितरण का कार्य 300 केन्द्रों से हो रहा है। इनमें सहकारी समितियों, मार्केटिंग संस्थाओं और निजी क्षेत्र के संस्थानों द्वारा स्थापित केन्द्र है। इन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के बैठने, छाया और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। जिले में नगद विक्रय केन्द्रों की संख्या 57 है।

जिला प्रशासन ने कृषकों से कहा कि उर्वरक की जिले में लगातार आपूर्ति बनी हुई है। जो कृषक सहकारी समिति के सदस्य है वे सहकारी संस्था से एवं जो कृषक डिफाल्टर है अथवा सहकारी समिति के सदस्य नहीं है, वे उर्वरक अपने नजदीकी विपणन संघ के गोडाउन (डबल लॉक या मार्केटिंग सोसायटी/एमपी एग्रो अथवा निजी विक्रेता से निर्धारित दर पर उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं। सभी निजी खाद विक्रेताओं को भी सचेत किया गया है की क़ीमत एवं कालाबाज़ारी सम्बंधित शिकायत पायी गयी तो आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं कालाबाज़ारी अधिनियम के तहत वॉरंट जारी किये जाएँगे।