नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को बीते 17 दिनों से पंजाब और हरियाणा के किसानों ने घेर रखा है. हजारों की संख्या में किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. एक के बाद एक सियासी बयानबाजियां भी जारी है. इसी क्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को एक बड़ा बयान दिया है
धर्मेंद्र प्रधान ने किसान आंदोलन को लेकर कहा है कि यह आंदोलन महज कुछ किसान मित्रों का है. इसमें पूरे देश के किसानों की नुमाइंदगी नहीं है. उन्होंने दवा करते हुए कहा है कि देश का किसान नए कृषि कानूनों के साथ है. बस कुछ एक किसान मित्र ही इसके ख़िलाफ़ है. पीएम मोदी ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ी योजना बनाई है. जिससे कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो सके.
प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अबनाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर कुछ किसानों में भरम के स्थिति बनी हुई है. इसे हम नहीं मानते हैं. मोदी सरकार के मंत्री ने आगे कहा कि, ‘सरकार के पास कोई ईगो नहीं है. प्रतिष्ठा का कोई टकराव नहीं है. हम खुले मन से चर्चा को तैयार हैं. अगर कोई सुझाव आता है तो हम कानून में संशोधन को तैयार हैं. सरकार ने लचीलापन दिखाया भी है.’
चौटाला का दावा, 48 घंटे में हल हो सकती है समस्या…
शनिवार शाम को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा सिलसिलेवार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पियूष गोयल से मुलाक़ात की गई थी. केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद दुष्यंत चौटाला ने दवा करते हुए कहा कि उम्मीद है कि किसानों की समस्याएं 48 घंटों के भीतर हल हो सकती है. जल्द ही किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत होगी.