नई दिल्ली : एनसीपी प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा है कि मोदी सरकार को कृषि कानूनों पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए. शरद पावर ने कहा है कि सरकार किसानों के धैर्य की परिक्षा न लें. उन्होंने कहा कि किसान अपने कदम पीछे नहीं हटाएंगे. किसान अपनी मांगों के साथ अड़े है, डटे हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख ने कहा कि सरकार द्वारा ये तीनों कृषि कानून बिना किसी चर्चा के पास किए गए हैं. विपक्ष की ओर से इन कानूनों पर कहा गया था कि इन पर चर्चा होनी चाहिए. हालांकि सरकार ने हमारी बात को नजरअंदाज किया और जल्दबाजी के चक्कर में इन्हें पारित कर दिया गया.
पावर ने कहा कि ऐसा मत सोचो कि अब केंद्र सरकार किसानों की मांग को सुनने के मूड में नहीं है, इस स्थिति में आंदोलन आगे भी जरी रहेगा. इसमें तेजी भी देखने को मिल सकती है. सरकार को चेताते हुए शरद पावर ने कहा कि सरकार द्वारा अगर समय रहते कड़े और सही कदम न उठाए गए तो यह किसान आंदोलन और विस्तृत रूप ले सकता है. सरकार से अनुरोध करते हुए पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा न लें. इन कृषि कानूनों पर फिर से विचार किया जाए.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि 26 नवंबर से शुरू हुआ पंजाब और हरियाणा के किसानों का केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आज 16वें दिन में प्रवेश कर गया है. अब भी दिल्ली से सती सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसानों ने जमावड़ा लगा रखा है. उनके मांग है कि सरकार इन कानूनों को रद्द करें. अब तक सरकार और किसानों के बीच किसानों के मुद्दे को लेकर जितने भी दौर की बातचीत हुई है, वे सभी बेनतीजा रही है. किसानों ने साफ़ कह दिया है कि वे कृषि कानूनों में संशोधन भी ही चाहते हैं. सरकार को इन्हें वापस लेना ही होगा. जबकि सरकार ने भी कहा है कि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे.