नई दिल्ली। भारतीय सीमा पर अब चीनी सैनिकों के साथ तनाव काफी बढ़ गया है। बीते कई दिनों से चल रहे इस तनाव को दूर करने के लिए समझौते का भी प्रयास किया गया। हालांकि इस बातचीत का कोई खास असर चीन पर नहीं हुआ। 15 जून को झड़प में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया था। लेकिन चीन ने अब तक अपने नुकसान को दुनिया के आगे कुबुल नहीं किया।
वहीं अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सीसीपी के एक पूर्व नेता के बेटे यांग जिनाली ने दावा किया है कि गलवान घाटी में भारतीय सेना के हाथों 100 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन सरकार जानबूझकर आंकड़ा नहीं जारी कर रही है। यांग ने कहा कि अगर बताया तो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए ही मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी और पार्टी में विद्रोह हो जाएगा।
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर मई की शुरुआत से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए है। चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई एलएसी को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के आर्मी अफसरों के फैसले के बाद जब चीनी सेना ने पीछे जाने से इनकार किया तो हिंसक झड़प हुई।
चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार कर रहा है। भारत ने साफ कर दिया था कि चीन के सिपाहियों को पीछे हटना ही होगा। एलएसी पर बदली परिस्थिति को भारत स्वीकार नहीं करेगा।
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच 15 जून को हुई मुठभेड़ में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं।