चुनाव आयोग के नोटिस के बाद एक बार फिर बीजेपी की तरफ से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल उठाए है। जे पी नड्डा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन का छिपा हुआ एजेंडा एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों को छीनकर मुसलमानों को देना है।
कुछ दिनों पहले ही चुनाव आयोग ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके धर्म और जातियों से जुड़े बयानों को लेकर नोटिस भेजा है। पीएम मोदी ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में कहा था कि कांग्रेस आपकी संपत्ति उन लोगों में बांट देगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। मनमोहन सिंह ने ये बयान गलती से नहीं दिया था। उन्होंने ऐसा जानबूझकर किया क्योंकि वह अप्रैल 2009 में मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न का उत्तर देते समय अपने बयान पर कायम थे।
मनमोहन ने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और देश के संसाधनों पर पहला अधिकार उनका होना चाहिए। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के जरिए गलत बयानबाजी की गई और कहा गया कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है।