कर्मचारियों के हित में हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कर्मचारी और अधिकारी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी नहीं करेंगे। हाईकोर्ट ने निर्देश में यह स्पष्ट किया कि इससे कर्मचारी और अधिकारियों को बड़ी राहत मिलेगी। हाई कोर्ट ने कहा कि वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी और अधिकारी अब लोकसभा चुनाव में ड्यूटी नहीं करेंगे।
हाई कोर्ट में दायर याचिका पर चुनाव आयोग ने आश्वासन दी है। जिसमें कहा गया है कि राज्य के क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों को लोकसभा ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद वन विभाग के फील्ड में तैनात कर्मचारियों को लोकसभा चुनाव की ड्यूटी से दूर रखा जाएगा। इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों को विधानसभा चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया था। हालांकि, उस वक़्त भी वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पत्र लिखकर ड्यूटी पर न लगाने की मांग की थी। हालांकि, तब चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया था।
हाईकोर्ट में याचिका दायर:
आपको बता दें कि चुनाव आयोग के नियमों में ही इस बात का उल्लेख है कि वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव कार्य में नहीं लगाई जाएगी। ऐसे में अगर उन्हें चुनाव ड्यूटी में लगाया गया तो जंगलों और जंगली जानवरों की सुरक्षा कम हो सकती है। जिसके बाद राज्य वन रेंजर्स ऑफिसर एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
याचिका में दिया गया तर्क:
दायर याचिका में तर्क दिया गया कि क्षेत्रीय कर्मचारियों की कमी के कारण वन क्षेत्र में चोरियां और आग के मामले भी बढ़ेंगे। अगर क्षेत्रीय कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगा रहा तो इन घटनाओं को रोक पाना नामुमकिन होगा।
चुनाव आयोग ने दिया आश्वासन
इसके बाद आज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने खुद हलफनामा देकर कहा है कि वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में तैनात नहीं किया जाएगा।