इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान के निर्देशानुसार आत्म निर्भर भारत की दिशा में तत्परता दिखाते हुए बिजली कंपनी ने भी इंदौर व उज्जैन स्थित मीटर टेस्टिंग लेब को हाईटेक रूप में तैयार किया है। इन्हें नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कालिब्रेशन लेबोरेटरी (एनएबीएल) मापदंड से तैयार किया गया है। अप्रैल में इन्हें एनएबीएल प्रमाण-पत्र मिलने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि पोलोग्राउंड स्थित मीटर टेस्टिंग लेब को हाईटेक किया गया है। इस लेब में प्रतिदिन हाईटेक रूप से 1200 मीटरों की टेस्टिंग हो जाएगी। इसके लिए एनएबीएल मापदंडों के अनुरूप टेस्टिंग ट्रे लगाई गई है।
टेस्टिंग रिपोर्ट भी पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड दी जाएगी। यहां मात्र 30 से 60 मिनट में मीटरों का परीक्षण किया जाएगा। उपभोक्तागण मीटर टेस्टिंग की इस गतिविधि का लाइव भी देख पाएंगे। इससे उपभोक्ता संतुष्टि का ग्राफ और बढ़ेगा। इंदौर के पोलोग्राउड स्थित मीटर टेस्टिंग लेब की तरह की 1200 मीटर प्रतिदिन क्षमता वाली मीटर टेस्टिंग लेब उज्जैन में भी तैयार की गई है।
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की दोनों ही स्थानों की लेब पर लगभग एक करोड़ रूपए खर्च हुए है। इससे कंपनी परीक्षण मामले में आत्म निर्भरता प्राप्त करेगी, वहीं वर्षभर में कंपनी के अन्यत्र स्थानों पर हाईटेक टेस्टिंग पर खर्च होने वाली बड़ी रकम भी बचेगी। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि दोनों ही लेब की कंपनी स्तर पर मानिटरिंग की जिम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरएस खत्री एवं अधीक्षण अभियंता अचल जैन को दी गई है।
नए प्रयास से ये होंगे फायदे
– ग्रामीण क्षेत्रों में मीटरीकरण कार्य में तेजी आएगी
-शहरी क्षेत्र में मीटर खराब होने पर तुरंत मिलेगी रिपोर्ट
-गुणवत्ता बढ़ने से उपकरण ज्यादा वक्त तक कार्य करेंगे।
-स्थानीय स्तर पर परीक्षण होने पर समय, राशि बचेगी।