नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में सुधार करने की योजनाएं बताई हैं, जिनमें नामांकन की योग्यता और मतदाता सूची की अपडेटिंग शामिल है। इसके साथ ही, चुनाव केंद्रों की तैयारी और चुनावी प्रक्रिया में और भी बेहतरीन सुविधाओं की योजना बनाई गई है।
निर्वाचन आयोग का मानना है कि मतदाता सूची का निर्माण एक विश्वासनीय चुनाव की नींव है। इसलिए, वे सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित सीएसओ के साथ कई उपाय अपना रहे हैं कि मतदान सूची शुद्ध और अपडेटेड हो।
इस प्रक्रिया के अंत में, आयोग ने मतदाता सूची का नवीनतम आंकड़ों का प्रकाशन किया है और इसमें मतदाताओं की संख्या की जानकारी दी है, जो विभिन्न राज्यों में दर्ज है।
चुनाव की तैयारी के साथ-साथ, आयोग ने अलग-अलग प्रक्रियाओं के माध्यम से विभिन्न समूहों के लिए आरक्षित सीटों के लिए भी कई योजनाएं बताई हैं, जैसे कि दिव्यांग जनजातियों के लिए, यौनकर्मी और ट्रांसजेंडरों के लिए अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित सरकारी डेटाबेस का उपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया को सुधारने के लिए मतदान केंद्रों की तैयारी और सुविधाओं के साथ-साथ मतदाताओं के लिए सुलभता को ध्यान में रखा गया है।
इन सभी योजनाओं का उद्देश्य है चुनावी प्रक्रिया को और भी सुदृढ़ और सुरक्षित बनाना ताकि लोग आत्म-संकल्प और निष्ठा के साथ चुनाव में भाग लें।