Ujjain: पौराणिक मान्यता व राजवंश की परंपरा में विजयदशमी पर सर्वत्र विजय की कामना में नगर सीमान्लंघन कर शमी वृक्ष का पूजन करते थे। भगवान महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है। इसलिए दशहरे पर वह भी शमी वृक्ष का पूजन करने नए शहर फ्रीगंज स्थित दशहरा मैदान जाते हैं। सवारी को सीमान्लंघन सवारी कहा जाता है। महाकाल मंदिर में दशहरा आज मनाया जा रहा है।
महाकाल मंदिर से सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई। अवंतिका नाथ महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर शमी पूजन करने नए शहर दशहरा मैदान पहुंचे। यहां कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भगवान महाकाल व शमी वृक्ष का पूजन किया।
महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ भगवान की पालकी नए शहर फ्रीगंज के लिए रवाना हुई। लगभग 8 किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर 70 से अधिक मंचों से पुष्प वर्षा कर राजाधिराज का स्वागत किया गया।
20 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान के दर्शन किए। यह परंपरा हर वर्ष दशहरे पर निभाई जाती है। आज यानि सोमवार को पंचांग के अनुसार दशहरा मनाया जा रहा है। सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, सराफा, सती गेट, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवास गेट, चामुंडा माता चौराहा से टॉवर के रास्ते पुरानी कलेक्टर बंगले के सामने से होती हुई दशहरा मैदान पहुंची।