इंडेक्स हॅास्पिटल (Index Hospital) के डॅाक्टरों ने पुलिसकर्मियों को सीखाया सीपीआर का सही तरीका

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इंदौर। मध्य प्रदेश पुलिस ने एक नया अभियान शुरू किया है, जिसमें पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे ये पुलिसकर्मी हार्टअटैक आने पर लोगों की जान बचाने में सहायक होंगे। इंडेक्स सुपर स्पेशलिटी हॅास्पिटल के डॅाक्टरों द्वारा खुड़ैल थाना के सभी पुलिसकर्मियों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी गई। खुड़ैल थाना में हुए ट्रेनिंग प्रोग्राम में थाना प्रभारी अजयसिंह गुर्जर सहित पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया। इंडेक्स हॅास्पिटल के डॅा. रोहन राजपूत, डॅा. सुनील काग, डॅा. मेघराज सिंह, राहुल राजपूत, नितिन चौधरी ने सभी पुलिसकर्मियों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी। इंडेक्स हॅास्पिटल के डॅाक्टरों ने डमी और प्रेजेंटेशन के माध्यम से तमाम मौजूद पुलिसकर्मियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट के बारे में तमाम तकनीकी जानकारी दी। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, डायरेक्टर आर एस राणावत, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, इंडेक्स हॅास्पिटल अधीक्षक लेफ्टिनेंट कर्नल डॅा. अजयसिंह ठाकुर ने मप्र पुलिस के इस सीपीआर अभियान की सराहना की।

कार्डियक अरेस्ट में शुरू के पांच मिनट बेहद महत्वपूर्ण

डॉ. रोहन राजपूत ने बताया कि यदि किसी को कार्डियक अरेस्ट आया हो तो शुरू के पांच मिनट बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए बिना घबराए सही तरीके से सीपीआर (CPR) देना है। व्यक्ति के लिए सीपीआर ईश्वर का वरदान की तरह साबित होगा। ये बेहद सरल तकनीक है जिसे सही तरीके से सीखने के बाद इस्तेमाल करते समय घबराना नहीं है। एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। ऐसे में इसको देखते हुए अब मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेंड किया जा रहा है और सीपीआर की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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पुलिसकर्मी आपातकाल में हार्ट अटैक के मरीज की जान बचा सकेंगे

थाना प्रभारी अजयसिंह गुर्जर ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के पुलिसकर्मियों को सीपीआर देने की ट्रेनिंग के आदेश दिए गए हैं। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र के नेतृत्व में जोनवार अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। सोशल मीडिया पर पिछले दिनों कई ऐसे उदाहरण भी देखे गए, जो बता रहे थे कि पुलिसकर्मी ने तत्काल सीपीआर देकर व्यक्ति की जान बचाई। इसके बाद प्रदेशभर के जिलों में इस तरह के सीपीआर ट्रेनिंग कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं। सीपीआर से हार्ट अटैक के मामले में जान बचने की संभावना दोगुनी हो जाती है। सही सीपीआर देने से पुलिसकर्मी आपातकाल में हार्ट अटैक के मरीज की जान बचा सकेंगे।