श्रावण मास भगवान महादेव को बेहद प्रिय होता है। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। बता दे, जो भक्त सच्चे दिन से सावन सोमवार व्रत करता है और भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करता है उस पर भोलेशंकर भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद बना रहता है। अविवाहित लोग अगर सावन के 16 सोमवार का व्रत करें तो उन्हें योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि शिव उपासना में किन-किन चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए और कौन सी चीजें नहीं आइए जानते हैं।
भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें
हल्दी
हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है।
तुलसी
भगवान शिव पर कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था।
तिल
यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
टूटे हुए चावल
भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता।
कुमकुम
यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता।
शिव मूल मंत्र-
ॐ नमः शिवाय॥
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
चढ़ाए ये चीजें
जल
सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं इसके बाद शिवमंदिर जाकर तांबे के पात्र में गंगाजल में सफेद चंदन मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
धतूरा
शिवजी को भी काफी पसंद होता है इसलिए शिवजी की कृपा पाने के लिए इसे जरूर चढ़ाएं।
बेला, चमेली और कनेर पुष्प
भगवान को कनेर, बेला और चमेली का फूल बहुत ही प्रिय होता है। बेला के पुष्पों से पूजन करने पर भगवान शिव, विवाह करने की इच्छा रखने वालों को मनोनुकूल वर और वधू प्रदान करते हैं। चमेली के सुगन्धित पुष्पों से शिव की पूजा करके मनुष्य वाहनों को उपलब्ध करता है। चमेली के फूल चढ़ाने से अच्छे वस्त्रों की अभिलाषा पूरी होती है।