आज से भाद्रपद मास प्रारंभ हो चुका है। भाद्रपद का अर्थ है, भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना। यह महीना लोगों को व्रत, उपवास, नियम और निष्ठा का पालन करवाता है। अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है। मन को शद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महीना काफी कारगर है।
इसी महीने में गणेश चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी महीने में आती है। इस बार भाद्रपद का महीना 23 अगस्त से 20 सितम्बर तक रहेगा। भाद्रपद महीना पर्व के लिहाज से तो अच्छा है, लेकिन यह मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसमें विवाह, सगाई और नए घर का निर्माण शामिल है। इस माह में भक्ति के साथ-साथ स्नान और दान को विशेष बताया गया है। शास्त्रों के मुताबिक भाद्रपद महीने में कई कार्य नहीं करने चाहिए। इसके साथ ही कुछ खाद्य सामग्री पर वर्जना बताई गई है।
भाद्रपद माह में क्या न करें –
मान्यता है कि भादो में गुड़ नहीं खाना चाहिए। इससे स्वर बिगड़ सकता है। वहीं तिल के तेल का भी सेवन वर्जित है। इससे उम्र घटती है। दही खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। किसी अन्य व्यक्ति के दिए पके हुए चावल न खाएं, इससे लक्ष्मी घटती है। वहीं नारियल का तेल इस्तेमाल करने से संतान सुख में कमी आती है। इसलिए इन सभी चीजों के सेवन से बचें।
भाद्रपद माह में क्या करें –
भादो महीने में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आता है। श्री कृष्ण को मख्खन बहुत पसंद था। लिहाजा इस माह में मख्खन का जरूर सेवन करें। इससे उम्र बढ़ती है। गाय का घी भी खाना चाहिए, इससे पुष्टि की प्राप्ति होती है। गाय का दूध भी जरूर सेवन करें। इससे वंश वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गौमूत्र का इस्तेमाल पानी में डालकर नहाते वक्त करें। इससे पापों का नाश होता है।