दिनांक 30 जुलाई 2020
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका चीन की कंपनी डोंग-फेंग को दिये जाने पर आपत्ति जताते हुये इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है। सिंह ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर केन्द्र सरकार को राफेल सौदे की वास्तविकता को छुपाने पर और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री से अनेक सवाल किये है।
राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमान के लिये फ्रांस से करार किया था। मोदी सरकार ने किन कारणों से 126 के बजाय सिर्फ 36 राफेल खरीदने का फैसला लिया। डाॅ. मनमोहन सिंह के नैतृत्व वाली यूपीए सरकार जिस राफेल विमान को 746 करोड़ रूपये में खरीद रही थी उसे 1600 करोड़ रूपये में क्यों खरीदा गया? यह देश को नही बताया जाना प्रमाणित करता है कि इस सौदे में भ्रष्टाचार किया गया है एवं देश को धोखा दिया है।
यूपीए सरकार ने फ्रांस में तैयार 18 राफेल को छोड़कर शेष राफेल भारत में हिन्दुस्तान एरोनाॅटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.) से ही बनाने का समझौता किया था किन्तु मोदी सरकार ने सार्वजनिक अनुभवहीन कंपनी, जिसने विमान का कभी एक पुर्जा तक नही बनाया, उससे तीस हजार करोड़ की डील किस दबाव में की गई है? कौन-कौन से बिचोलिये इस डील में शामिल थे उनके नाम सार्वजनिक किये जाने चाहिये। सिंह ने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार है। भले ही मोदी जी की ट्रोल आर्मी और ‘‘कठपुतली’’ मीडिया एंकर विपक्ष के सवाल करने पर उन्हे राष्ट्रोही कहें, वे सवाल पूछना बंद नही करेंगे।
आज कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का यह फर्ज है कि हजारो करोड़ रूपये के अतिरिक्त भुगतान कर किये गये राफेल सौदे पर मोदी सरकार से प्रश्न किये जाये। देश की जनताा को फ्रांस सरकाार से की गई इस डील की सच्चाई जानने का हक है। सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि एक न एक दिन राफेल सौदे में किये गये भ्रष्टाचार से परदा उठेगाा। रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे से संबंधित पेपर्स पब्लिक डोमेन में आने पर आंतरिक जांच के आदेश 2019 में दिये थे, उस जांच का क्या हुआ और कौन दोषी पाये गये? सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय सुरक्षा से जुड़े इस सौदे मे हुये करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिये केन्द्र सरकार मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने से घबरा रही है जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार इस घोटाले की जेपीसी से जांच कराने की माॅंग कर रहे है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदैव दोहरे मापदण्ड अपनाएं है। उनकी कथनी और करनी में समानता नही है। वे एक तरफ चीनी मोबाइल एप्स को बेन करने की बात करते है वहीं दूसरी ओर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख जैसे संवेदनशील प्रदेशों में बिजली के स्मार्ट मीटर चीन की कंपनियों से लगाने के ठेके दे रहे हैं। क्या यह देश की सुरक्षा के हित में है?