ज्योतिष में शुभ-अशुभ कामों को लेकर पंचक काल का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है। ऐसे में इस दौरान कोई शुभ काम जैसे- विवाहित बेटी की विदाई, नए काम की शुरुआत, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं। बता दे, 28 जून से पंचक काल शुरू हो रहा है, जो कि 3 जुलाई तक रहेगा। तो चलिए जानते है क्या होता है पंचक काल और इस दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए।
ज्योतिषों के अनुसार, चन्द्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करने का काल पंचक काल कहलाता है। वहीं चन्द्र ग्रह का कुम्भ और मीन राशी में भ्रमण पंचकों को जन्म देता। इसके अलावा भगवान राम द्वारा रावण का वध करने की तिथि के समय के बाद से 5 दिन तक पंचक मनाने की परंपरा है।
कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल के दौरान हो जाती है तो उसी परिवार या खानदान में 5 अन्य लोगों की मौत भी हो जाती है। ऐसे में अगर 5 लोगों की मृत्यु न भी हो तो 5 परिजनों को किसी न किसी प्रकार का रोग, शोक या कष्ट हो सकता है। गरुड़ पुराण में मृतक का अंतिम संस्कार करने के खास तरीके बताए गए हैं। उनका पालन करने से परिवार के बाकी सदस्यों के सिर से संकट टल जाता है।
गलती से भी न करें यह काम –
मान्यतों के अनुसार, सनातन धर्म में पंचक काल को बहुत अशुभ समय माना गया है। ऐसे में इन 5 दिनों में कुछ विशेष कार्य करने की भी मनाही की गई है।
– पंचक काल में कभी लकड़ी नहीं खरीदना चाहिए।
– यदि घर का निर्माण करा रहे हों तो पंचक काल में उसकी छत न डलवाएं, वरना परिवार पर बड़ा संकट आ सकता है।
– घर के लिए बेड, चौपाई आदि इस दौरान न खरीदें।
– पंचक काल में दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी अशुभ माना गया है।