Dhanteras 2024: धनतेरस पर 100 साल बाद बन रहा है ये दुर्लभ संयोग, इस विधि से करें पूजा चमकेगी किस्मत!

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Dhanteras 2024: इस साल धनतेरस का त्योहार बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन विभिन्न शुभ योगों का संयोग बनने जा रहा है। विशेष रूप से त्रिग्रह योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी-नारायण योग, शश महापुरुष राज योग, धाता योग और सौम्य योग जैसे सात प्रकार के योगों का निर्माण हो रहा है। इन योगों के चलते इस वर्ष धनतेरस का महत्व और भी बढ़ गया है।

विशेष शुभ संयोग

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, यह धनतेरस सौ साल बाद दुर्लभ शुभ संयोगों के बीच आ रहा है। लक्ष्मी-नारायण योग का निर्माण तब होगा जब शुक्र और बुध वृश्चिक राशि में एक साथ उपस्थित रहेंगे। इस स्थिति में धनलक्ष्मी योग का निर्माण होगा, जो जीवन में कल्याणकारी फल लाने वाला माना जाता है।

धनलक्ष्मी योग का लाभ

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर इस योग को और भी शक्तिशाली बनाता है। बुध और शुक्र की युति से धनलक्ष्मी योग बनता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में वित्तीय लाभ और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह योग कुंडली में अत्यंत शुभ माने जाते हैं, और व्यापार में लाभ के लिए भी यह लाभकारी होता है।

शुभ योगों का समय

पंचांग के अनुसार, इंद्र योग 28 अक्टूबर को सुबह 6:47 बजे से शुरू होकर 29 अक्टूबर को सुबह 7:48 बजे तक रहेगा। इसी दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 6:51 बजे से 10:31 बजे तक सक्रिय रहेगा।

पूजा की विधि

धनतेरस की पूर्व संध्या पर पूजा स्थल पर कुबेर देव और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद धन्वंतरि देवता, माता लक्ष्मी और कुबेर देव के सामने घी का दीपक जलाएं और उनकी पूजा करें। दीपक जलाने के बाद उन्हें फल और फूल चढ़ाएं, फिर देवी लक्ष्मी और कुबेर देव को उनका पसंदीदा भोग लगाएं और प्रसाद के रूप में बांट दें।

धनतेरस का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, जो घर में खुशियों और बरकत को आमंत्रित करता है। देवी लक्ष्मी के चरणों को घर लाना भी बेहद लाभकारी माना जाता है, जिससे देवी की कृपा प्राप्त होती है। धनिया पत्ती खरीदना और उसे देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर के चरणों में अर्पित करना भी आर्थिक लाभ की संभावनाएं बढ़ाता है।

झाड़ू और अन्य वस्तुओं का महत्व

मत्स्य पुराण के अनुसार, धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में बरकत आती है, क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसी तरह, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों की खरीदारी से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

इस प्रकार, इस वर्ष धनतेरस पर होने वाले शुभ योग और पूजा विधियों के माध्यम से परिवार और व्यापार में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।