दिल्ली : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तो इस संकट के बावजूद अभी सोये हुए है – कमलनाथ

Suruchi
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kamalnath

दिल्ली/भोपाल :  मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोयला संकट पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि एक तरफ़ ज़िम्मेदार ख़ुद इस सच्चाई को स्वीकार रहे है कि देश के ताप विद्युत संयंत्रो के पास मात्र चार दिन का ही कोयले का स्टॉक मौजूद है और दूसरी तरफ़ साथ में यह झूठ भी बोल रहे है कि देश में कोयले का कोई संकट नही है , बिजली का संकट नही है ? वे यह भी बताये कि इन ताप विद्युत संयंत्रो के पास कितने दिनो का स्टॉक रहना चाहिये और पूर्व में कितने दिनो का स्टॉक रहता आया है ?

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वे इस संकट के पीछे कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दामों में वृद्धि , बिजली की मांग में वृद्धि ,खदानों में पानी भर जाना को बता रहे हैं लेकिन वह इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि यह सब कारण जानते हुए भी सरकार ने इससे निपटने के लिये कोई कदम नही उठाये ? यह सब कारण कोई अचानक से तो उत्पन्न नही हुए , यदि यह सब कारण सामने थे तो सरकार ने इससे निपटने को लेकर क्या इंतजाम किए , सरकार यदि समय रहते जाग जाती तो इस संकट को टाला जा सकता था।सरकार का नाकारापन इसके लिये ज़िम्मेदार है।

नाथ ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि मैंने प्रदेश हित में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से दो-दो बार वर्तमान कोयला संकट पर व बिजली कटौती पर सवाल पूछे लेकिन आज तक वह मेरे सवालों का जवाब देने सामने नहीं आये।सवालों का जवाब भी ऐसे लोग दे रहे हैं जिनका बिजली मामले से कोई लेना-देना नहीं है। आज भी सरकार साफ़ झूठ परोस रही है कि प्रदेश में कोयले का संकट नहीं है ,कोई बिजली की कटौती वाली स्थिति नहीं है जबकि सच्चाई यह है कि मध्यप्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों में कहीं 2 दिन , कहीं 3 दिन और कहीं 4 दिन का स्टॉक मात्र ही बचा है ,जो कि एक बड़े संकट की ओर इशारा कर रहा है।

विद्युत संयंत्रों की कई इकाइयाँ कोयले की कमी के कारण बंद हो चुकी है , उनमें उत्पादन घट गया है और उत्पादन क्षमता से आधे की स्थिति तक पहुँच चुका है ,उसके बाद भी जिम्मेदार इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और झूठ परोस रहे है। देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री वर्तमान कोयले के संकट को देखते हुए अपने प्रदेश की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री के आगे अपने प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर गुहार लगा रहे हैं , पत्र लिख रहे हैं लेकिन हमारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तो अभी तक सोये हुए हैं , अभी तक उनकी नींद ही नही खुली है ,उनकी सरकार तो इस संकट को स्वीकार ही नहीं कर रही है।

हमारे मुख्यमंत्री जी की आंख तो सिर्फ चुनावी क्षेत्रों में घोषणाओं के लिए ,झूठ बोलने के लिए और झूठे भूमि पूजन ,नारियल फोड़ने के लिए ही खुलती है। मै प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से निवेदन करता हूं कि भले आप मेरे सवालों का जवाब ना दे लेकिन प्रदेश में धार्मिक पर्वों की शुरुआत हो चुकी है , जनता सामने दिख रहे बिजली संकट व कोयले की कमी से चिंतित है।सरकार नींद से जागे और इस संकट को लेकर अपनी डबल इंजन की केंद्र सरकार के सामने मज़बूती से प्रदेश को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति को लेकर पक्ष रखने की हिम्मत दिखाये।प्रदेश में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये ताकि प्रदेश में माँग के अनुरूप बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

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