नई दिल्ली: नई दिल्ली के जिस इंडिया गेट को पर्यटक देखने लिए जाते है वहीं इस गेट से राजधानी की भी पहचान बनी हुई है उसी गेट पर अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके साथ ही अमर जवान ज्योति को भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शुक्रवार को विलय कर दिया गया है। बता दें कि इंडिया गेट पर ज्योति विगत 50 वर्षों से सतत प्रज्जवलित है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट के माध्यम से नेताजी की प्रतिमा लगाने का ऐलान किया है। बताया गया है कि इस प्रतिमा का अनावरण स्वयं मोदी 23 जनवरी को करेेंगे। 23 जनवरी को नेताजी बोस की 125 वीं जयंती है।
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ज्योति के विलय पर कांग्रेस ने साधा निशाना ज्योति के विलय पर कांग्रेस ने साधा निशाना इधर अमर जवान ज्योति को शुक्रवार के दिन राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलती हुई ज्योति में विलय तो कर दिया गया है लेकिन इस मामले में अब कांग्रेस ने पीएम मोदी के साथ ही केन्द्र की बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि नहीं है क्योंकि 1971 के युद्ध के शहीदों को इसी स्थान पर आकर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। बता दें कि विशेष अवसरों पर सरकार के नुमाइंदे इसी अमर जवान ज्योति पर पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते है।
सेना ने बताया यह कदम अच्छाभले ही कांग्रेस ने ज्योति के विलय को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया हो लेकिन केन्द्र सरकार का यह तर्क है कि ज्योति बुझाया नहीं जा रहा है, इसे युद्ध स्मारक की लपटों में ही विलय किया जा रहा है। इधर भारतीय सेना ने केन्द्र की मोदी सरकार के इस कदम को अच्छा बताया है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि ज्योति को युद्ध स्मारक ज्योति में अनौपचारिक रूप से विलय किया जा रहा है इसमें सेना को कोई आपत्ति नहीं है।
राजनीति नहीं करने की अपील ज्योति विलिनीकरण को लेकर होने वाली राजनीति पर सेना के पूर्व अधिकारियों ने आपत्ति ली है और कहा है कि ज्योति के मामले में राजनीति न की जाए। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव का कहना कि देश में यदि एक ही स्मारक रहे तो इसमें कोई विरोध जैसी बात नहीं होना चाहिए। अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक में यदि मिला दिया जाता है तो एक ही स्थान पर शहीदों को हर कोई श्रद्धाजंलि दे सकेगा।