DA Hike: महंगाई भत्ते को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों का आंदोलन एक साल से अधिक समय से चल रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्रीय दर से डीए बढ़ाने की मांग को लेकर मुखर हैं। सड़क जाम, मार्च, सभाओं से शुरू होकर ये आंदोलन मुकदमों तक पहुंच गया है। हालाँकि मामला शुरू में उच्च न्यायालय में दायर किया गया था, लेकिन मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जब बंगाल सरकार के कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में महंगाई भत्ते का मामला दायर किया तो फैसला उनके पक्ष में आया। लेकिन राज्य सरकार ने फैसले को चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया। इससे राज्य सरकार के कर्मचारी काफी निराश थे। फिर भी आंदोलन जारी रहा। उनका दावा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे ये आंदोलन जारी रखेंगे। लोकसभा चुनाव सामने हैं और उससे पहले वे इस आंदोलन को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, बजट पेश करने के दौरान सरकार ने महंगाई भत्ते में सिर्फ 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
हालांकि कर्मचारियों ने इस 4 फीसदी महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए की कुल राशि सिर्फ 14 फीसदी है। जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 50 फीसदी की दर से डीए मिलता है। हालाँकि, केंद्र की बराबरी करने में अभी भी बहुत देर है और जब तक केंद्र समान डीए नहीं देता तब तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव शुरू होना है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, अगले जुलाई में सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते से जुड़े मामले पर फिर सुनवाई करेगा। अब देखते हैं कि मतदान के बाद सुनवाई की तारीख क्या होती है। क्या सरकारी कर्मचारियों की किस्मत मेहरबान है या वैसी ही रहेगी। सुनवाई की ये तारीख बेहद अहम होने वाली है।