पिछले कई सालों से बंगाल में राज्य सरकार के कर्मचारियों का DA बढ़ाने का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसका राजनीतिकरण कर दिया गया है। कथित तौर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने के लिए ‘कू-कथा’ का इस्तेमाल किया। डीए आंदोलन के मंच पर एक बार फिर बम-राम एकजुट नजर आए हैं। इसी बीच चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी की आवाज में डीए को लेकर संदेश सुनाई दिया है।
इससे पहले डीए कार्यकर्ताओं ने सीधे तौर पर ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। उनका धरना केवल शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं था। राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर नवान्न के सामने प्रदर्शन भी किया। हालांकि, राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से डीए मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की है।
हालांकि, डीए की केंद्रीय दर में बढ़ोतरी की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बावजूद राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते में कई बार बढ़ोतरी की है। वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को 2023 के बजट में डीए बढ़ाने का संदेश लिखा गया था। सेवा में DA 3 फीसदी बढ़ा। बाद में पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्रिसमस समारोह के मंच से एक बार फिर डीए में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इससे DA 10 फीसदी हो गया था।