भोपाल। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हितग्राही किसान सरकार से नाराज है और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैतूल में सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेशभर के किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की थी लेकिन खंडवा के कई किसान ऐसे हैं जिनके खातों में फसल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं आई है। कुछ किसानों के खातों में महज 400 से 500 रुपये आए हैं जबकि किसानों को फसल बीमा की प्रीमियम सात हजार रुपये तक देनी थी।
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वहीं नई अनाज मंडी में हुए कार्यक्रम के दौरान दौरान मंच से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने यह घोषणा की थी। कहा गया था कि जिले के एक लाख 43456 किसानों के खाते में 172 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं। साथ ही कार्यक्रम में पांच किसानों को फसल क्षतिपूर्ति के चेक भी सांकेतिक रूप से बांटे गए थे। बाकी किसानों को यह कहा गया था कि उनके खातों में राशि आ जाएगी। लेकिन दो दिन बाद भी किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि नहीं आई है। इसके बाद जब किसानों ने अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा।
वहीं ऐसे किसान जिनके खातों में नाममात्र की राशि आई है उन्हें भी संतोषजनक जवाब अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारी यह तक स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि जो बीमा राशि कुछ किसानों के खातों में आई है। वह खरीफ की है या रबी फसल के नष्ट होने की है। साथ ही किसानों ने फसल बीमा के नाम पर छलावा होने का आरोप लगाया है। किसान बहुत आक्रोश में है और उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाएंगे।
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ग्राम भेरूखेड़ा के किसान तुलसीदास पटेल का कहना है कि सोयाबीन की फसल का बीमा कराया था। प्रीमियम सात हजार रुपये चुकाई थी लेकिन फसल नष्ट होने पर 400 रुपये मिले हैं। मोबाइल पर मैसेज पढ़कर मन बहुत दुखी हो रहा है। साथ ही ग्राम आबूद के भागीरथ पटेल ने बताया कि सोयाबीन की फसल का बीमा कराया था। प्रीमियम 2970 रुपये जमा किए थे। क्षतिपूर्ति राशि खाते में 1435 रुपये आई है जो बहुत कम है। दूसरी ओर आबूद के अमृतलाल पटेल ने बताया कि 1560 रुपये प्रीमियम चुकाई थी जबकि सोयाबीन फसल की नुकसानी पर बीमा महज 794 रुपये मिला है। यह राशि बहुत कम है।