नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण देश में थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते अब दहसत की हवाओं में राहत की उम्मीद आयी है। दरअसल, नवंबर तक भारत को कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद जग गई है। रूस भारत को कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक देगा। बता दे कि,रूस की स्वायत्त धन निधि और भारत की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के बीच करार किया है।
बुधवार को डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज और रूसी स्वायत्त धन निधि रसियन डाइरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआइएफ) की तरफ से बताया गया है कि, सरकार से अनुमति मिलने के बाद भारत में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाएगा। वही, बयान के मुताबिक, इस साल के अंत तक डॉ. रेड्डीज को आरडीआइएफ की तरफ से वैक्सीन की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
बता दे कि, 11 अगस्त को रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का ऐलान किया था। इस वैक्सीन को रूस के गमालेया नेशनल इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है। हालांकि, अभी 40 हजार से अधिक वॉलंटियर्स पर इस वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। साथ ही,आरडीआइएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) किरिल दिमित्रीव ने कहा कि,”डॉ. रेड्डीज के साथ करार कर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है। भारत कोरोना महामारी से बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। हमें यकीन है कि हम दोनों साथ मिलकर भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य विकल्प मुहैया कराएंगे।”
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने कहा कि,”इस वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के आशाजनक परिणाम मिले हैं। भारत में लोगों के लिए इसकी सुरक्षा और प्रभाव को सुनिश्चित करने और भारतीय नियामकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हम इसके तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल करेंगे।”