कोरोना ने कर दिया एक लाख से अधिक बच्चों को बेसहारा

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नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर निश्चित ही चिंताजनक है लेकिन बीते 2020 अप्रैल से लेकर अभी तक की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश भर में कोरोना के कारण करीब एक लाख से अधिक बच्चों के उपर से माता पिता का साया उठ गया और वे पूरी तरह से बेसहारा हो गए।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आंकड़ों के माध्यम से इतने अधिक बच्चों के अनाथ होने की जानकारी सामने आई है। आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है ।

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क्या बताए है आंकड़े

11 जनवरी तक कुल 1,36,910 बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया, 488 को छोड़ दिया गया, जिससे कुल 1,47,492 बच्चों को सहारे की जरूरत है। 1,47,492 बच्चों में 76,508 लड़के, 70,980 लड़कियां और चार ट्रांसजेंडर हैं। बच्चों की अधिकतम संख्या आठ से 13 वर्ष (59,010) के बीच है, इसके बाद 14 से 15 वर्ष (22,763) और 16 से 18 वर्ष (22,626) और चार आयु वर्ग से सात साल तक (26,080) बच्चे ह अधिकतम बच्चे अपने एकल माता-पिता 1,25,205 के साथ हैं, जबकि 11,272 बच्चे परिवार के सदस्यों के साथ हैं, इसके बाद अभिभावकों के साथ 8,450 बच्चे हैं।