भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया और आदिम जाति कल्याण विभाग पर लगाए गए अपने आरोपों पर कायम है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जे.पी. धनोपिया और मप्र कांग्रेस सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन द्वारा आयोजित एक संयुक्त पत्रकार वार्ता के माध्यम से मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया पर मध्यप्रदेश के पंचायती राज निर्वाचित प्रतिनिधियों में क्षमता संवर्धन संबंधी प्रशिक्षण करवाने के लिए रूपए 8 करोड़ 42 लाख का गबन किये जाने और प्रदेश के सभी जिलों में होने वाला प्रशिक्षण केवल तीन जिलों (सिवनी, बड़वानी और धार) में कराये जाने का आरोप लगाया गया है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार होने की बात कही गई है।
मिश्रा ने कहा कि मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया यह अवगत करायें कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट को राज्य स्तर पर बदलने के अधिकार उन्हें कब प्राप्त हुए? वे यह भी बतायें कि एसीएस और पीएस का प्रस्ताव प्राप्त हुए बिना उन्होंने संचालक, पंचायती राज संस्थान के प्रस्ताव पर प्रशासकीय अनुमोदन किस हैसियत से किस नियम और किसके आदेश से दे दिया? मंत्रीजी यह भी बतायें कि वर्ष 2022 में राशि खर्च हो रही थी, फिर 2021 में यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजने का आधार क्या है? सामान्य, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग पर ट्राइबल फंड की राशि किस नियम से खर्च की गई।
मिश्रा ने कहा कि लीपापोती और सरकारी धन की लूट के लिए हुए दिखावटी प्रशिक्षण में सामान्य/ अनारक्षित, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को प्रशिक्षण देना बताया गया है, जिस पर कांग्रेस पार्टी आज भी अपने बयान पर कायम हैं। खुद मंत्री, सिसोदिया ने अपनी टीप जावक क्रमांक-2755 / मंत्री/प.ग्रा. वि.वि./ 2021, दिनांक 17/03/2021 ने संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, जबलपुर के प्रस्ताव पर आदिवासी विशेष केन्द्रीय सहायता राशि रूपए 842.78 लाख के उपयोग और प्रशिक्षण संबंधी प्रशासकीय अनुमोदन दिया, जो अवैधानिक है। मंत्री से अनुमोदन संचालक, महात्मा गांधी राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, जबलपुर द्वारा दिनांक 16/03/2021 को यह प्रस्ताव सिसौदिया को भेजा गया, जिस पर दिनांक 16/03/2021 को ही संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं, भोपाल ने अपनी टीप और सहमति दर्ज कर दी और दिनांक 17/03/2021 को सिसौदिया ने अनुमोदन कैसे दे दिया?
कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट कहना है कि उक्त प्रशिक्षण पर खर्च में मनमानी की गई। समान रूप से पैसा खर्च नहीं किया गया। किसी पंचायत में प्रशिक्षण सामग्री नहीं दी, किसी में भोजन नहीं दिया। लेकिन पैसा पूरा खर्च कर दिया। और वास्तविक रूप से खर्च होने के पहले ही जुलाई 2021 में भारत सरकार को उक्त राशि के पूर्ण उपयोग का फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेज दिया, जिसके तकनीकी तथ्य भी सामने आये हैं। कांग्रेस पार्टी मंत्री सिसोदिया के खिलाफ लगाये आरोपों पर पूरी तरह कायम है और यह मामला पूर्ण रूप से भ्रष्ट आचरण और पद के दुरूपयोग और लोकनिधि के दुरूपयोग और गबन का है। कांग्रेस पार्टी पुनः मांग करती है कि मंत्री सिसौदिया द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।