इंदौर: कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने जिला प्रशासन से कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित करने से लेकर लगने तक की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता है। प्रशासन विभिन्न अस्पतालों को इंजेक्शन देने के साथ-साथ मरीजों की सूची भी सार्वजनिक करें जिनके लिए इंजेक्शन जारी किए जा रहे हैं।
विधायक शुक्ला ने कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा आज दी गई नई व्यवस्था का स्वागत किया है। इस नई व्यवस्था के तहत कलेक्टर के द्वारा विभिन्न अस्पतालों के संचालकों को यह चेतावनी दी गई है कि जिस मरीज के लिए इंजेक्शन जारी किया गया है, उसी मरीज को इंजेक्शन लगाया जाए अन्यथा अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विधायक शुक्ला ने कहा कि हम पूर्व से ही यह मांग करते रहे हैं कि प्रशासन जिस भी अस्पताल के नाम जितने इंजेक्शन जारी करता है उसकी सूची पब्लिक डॉक्यूमेंट के रूप में जारी कर दी जाए । इसके साथ ही मेरी मांग है कि जिन मरीजों के लिए इंजेक्शन जारी किया जा रहा है। उनके नाम भी प्रशासन सार्वजनिक रूप से जारी कर दे। ताकि संबंधित मरीज के परिजनों को भी यह मालूम पड़ जाए कि उनके लिए इंजेक्शन जारी हुआ है।
विधायक शुक्ला ने कहा कि अभी प्रशासन के द्वारा किसी भी अस्पताल को कितने भी इंजेक्शन जारी कर दिए जाते हैं । वहां अस्पताल में अस्पताल संचालकों के द्वारा कह दिया जाता है कि हमारे पास इतने इंजेक्शन नहीं आए हैं। इससे बहुत कम इंजेक्शन आए हैं। जो इंजेक्शन पहुंचते हैं उन इंजेक्शनो का भी कोई हिसाब अस्पताल में नहीं होता है। कई अस्पताल के तो संचालकों के द्वारा ही अपने मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन ब्लैक में बेचा जा रहा है । इस पूरी स्थिति को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि प्रशासन की ओर से अस्पताल के साथ मरीजों के नाम की सूची भी जारी कर दी जाए।
विधायक शुक्ला ने कहा कि इसके साथ ही यह भी सावधानी आवश्यक है कि जिस मरीज को 5 दिन तक इंजेक्शन लगना है उसमें से 2 दिन प्रशासन की सूची में नाम आ जाए और तीसरे दिन नाम नहीं आए, तो गड़बड़ हो जाएगी। ऐसे मे यह सावधानी रखी जाना चाहिए कि मरीज को निरंतरता में 5 दिन तक इंजेक्शन मिल सके।