भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ (MP Flood) से स्थिति बेकाबू हो गई. दरअसल बारिश के बाद उत्पन्न समस्याओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) द्वारा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया भोपाल में विद्युत सप्लाई पेड़ों के गिरने के कारण बाधित हुई थी, अब वह बहाल कर दी गई है।
मैं यही अपील करता हूं कि अति वर्षा से उत्पन्न स्थिति में आप प्रशासन का पूरा सहयोग करें।
यदि पुल, पुलिया से पानी का प्रवाह तेज है, तो ऐसी हालत में उससे निकलने की जिद न करें। आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। pic.twitter.com/JNjHpb5pf1
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 23, 2022
उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा, “मैं यही अपील करता हूं कि पानी अगर है तो प्रशासन के कहने पर कृपया निकलने की जिद ना करें। ऐसी हालत में पुल पुलिया से निकलने की जिद नहीं करनी चाहिए, पानी किसी को नहीं छोड़ता।” जहां सब स्टेशनों में पानी भरा हुआ है तथा ट्रांसफार्मर डूबे हुए हैं, वहां बिजली बंद करनी आवश्यक है। पानी उतरने के बाद बिजली की बहाली हम युद्ध स्तर पर ठीक करेंगे। बाढ़ की वजह से फसलें चली गई, सड़कें, पुल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं, ट्रांसफार्मर, बिजली के सबस्टेशन पानी में डूबे हुए हैं। विदिशा में जल आपूर्ति के फिल्टर प्लांट पानी में डूबे हुए हैं। पूरा आकलन करने के बाद उसको युद्ध स्तर पर ठीक करने में हम लोग जुड़ेंगे।
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दरअसल भोपाल के लगातार हो रही बारिश से कई कॉलोनियों में जलभराव हुआ है। नरेला विधानसभा के महामाई का बाग एवं ऐशबाग क्षेत्र में फंसे लोगों को नाव से सुरक्षित निकाला गया। मंत्री विश्वास सारंग राहत बचाव कार्य के लिए उतरे। सारंग ने कहा कि नरेला विधानसभा में बने ड्रेनेज सिस्टम के कारण 2008 एवं 2012 बाढ़ की स्थिति निर्मित नहीँ हुई, परंतु लगातार 48 घंटे से हो रही बारिश के चलते नरेला विधानसभा के निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। नागरिकों को क्षेत्र के स्कूलों में बने राहत शिविरों में पहुंचाया गया। इन स्कूलों में नागरिकों के रहने एवं भोजन की समूचित व्यवस्था की गई है।