नई दिल्ली: देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर सरकार का विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ऐसे में हालही मे केंद्र सरकार का बीज मिनी किट कार्यक्रम दलहन व तिलहन की नई किस्मों के अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति करके बीज प्रतिस्थापन अनुपात को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम रखा गया, जोकि पीएम मोदी के दो साल के दूसरे कार्यकाल के उपलक्ष में रखा गया।
बता दें कि इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर 15 जून तक 13.51 लाख मिनी किट मुफ्त वितरित करेगी, और इन्हीं कुछ बीज मिनी किटलाभार्थियों से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज बुधवार को वर्चुअल बात की साथ ही इस संवाद में उनके साथ राज्य मंत्री परषोतम रूपाला व कैलाश चौधरी भी शामिल हुए।
साथ ही इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि “दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढ़ाकर इस संबंध में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक रोडमैप जन्नाया है। इस पर आगे चलते हुए निश्चित ही बहुत फायदा होगा और इनमें आत्मनिर्भर होने से आयात पर खर्च होने वाली बड़ी मुद्रा भी बच सकेगी, जो देश में विकास के अन्य कार्यों में उपयोग हो सकती है। रकबा बढ़ाने के लिए क्षेत्रों की पहचान की गई है व नई किस्मों के अवरोध को भी पार कर लिया गया है।”
मंत्री तोमर ने आगे कहा कि ‘गेहू व धान की खेती के बजाय दलहन-तिलहन की ओर फसल द्वायवर्सिफिकेशन आज समय की मांग है। इसके लिए राज्यों के मजबूत संकल्प की जरूरत है। कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के ज्ञान को हर किसान के दरवाजे तक पहुंचाने की बात राज्य सरकारें ठान लें तो हम निकट भविष्य में आमूलचूल परिवर्तन कर सकते हैं।’ साथ ही उन्होंने और भी बातो को इस कार्यक्रम में सांझा किया और मंत्री तोमर ने उम्मीद जताई कि केंद्र व राज्य ने जो संकल्प किया है, हम इसमें उत्साही व परिश्रमी किसानों के साथ मिलकर अवश्य ही सफल होंगे।
साथ ही इस कार्यक्रम में शामिल राज्य मंत्री रूपाला ने कहा कि – ‘उत्पादकता बढ़ाने में बीज बहुत अहमियत रखता है। उन्होंने विश्वास जताया कि बीज मिनी किट वितरण के माध्यम से दलहन-तिलहन के क्षेत्र व उत्पादकता बढाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। निगरानी तंत्र के माध्यम से यह कार्यक्रम निश्चित सफल होगा।’
कार्यक्रम में राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि -‘किसानों में फसलों को लेकर काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। किसानों की मेहनत, वैज्ञानिकों के योगदाज तथा सरकार की नीतियों के निश्चय ही बहुत अच्छे परिणाम दिखाई देंगे और हम दलहन-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर सकेंगे।’
इतना ही नहीं कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने भी इस कार्यक्रम में दलहन-तिलहन के संबंध में सरकार के ठोस प्रयासों की अगले 5 साल की रूपरेखा बताई। और कृषि उत्पादन आयुक्त एस.के. मल्होत्रा व संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने भी विचार रखे। केंद्र व राज्यों के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़े थे।