नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अभी भी किसान आंदोलन जारी है, दो महीने से ज्यादा समय से केंद्र सरकार से नाराज किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे है, और मोदी सरकार की नीतियों का किसान विरोध कर रहे है। जिसके चलते आज यानि सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2021 – 22 का आम बजट पेश कर रही है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि, ‘सरकार किसानों के लिए समर्पित है।’
उन्होंने कहा है कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर कायम है। साथ ही दावा किया कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार से क़रीब तीन गुना राशि किसानों के खातों में पहुंचाई है और हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है। दाल, गेहूँ, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि धान की ख़रीद पर 2013-14 में 63 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जिसे बढ़ाकर 1 लाख 45 हज़ार करोड़ किया जा चुका है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष ये आंकड़ा 72 हज़ार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है और 1.2 करोड़ किसानों को इससे बीते वर्ष लाभ हुआ था, इस वर्ष इससे 1.5 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि, “गेहूं पर सरकार ने 33 हज़ार करोड़ रुपये 2013-14 में खर्च किए थे। 2019 में 63 हज़ार करोड़ रुपये और अब यह 75 हज़ार करोड़ रुपये हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका लाभ मिला है।”
बता दे कि, आंदोलनकारी किसान जिन बातों को लेकर सबसे ज़्यादा चिंतिंत हैं, उनमें एमएसपी का मुद्दा प्रमुख है। लेकिन आम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान किया है।
वहीं, धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है और कृषि उत्पादों में 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2021 में किसानों को गेहूं पर 75,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वित्त मंत्री के मुताबिक़, गेहूं उगाने वाले 43.36 लाख किसानों को एमएसपी के तहत सरकारी ख़रीद से लाभ हुआ, जो संख्या पहले 35.57 लाख थी।
वित्त मंत्री जब ये बता रही थीं तब विपक्ष सदन में तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहा था. इस बीच वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि ख़रीद में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसानों को लाभ हुआ है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि 2021-22 में कृषि ऋण लक्ष्य को 16.5 लाख करोड़ रुपये तक किया जा रहा है।