भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के CM को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें 2 जून को सरेण्डर करने को कहा था।
सूत्रों के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने आवेदन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि चूंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी गई है, इसलिए यह याचिका विचारणीय नहीं है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से सवाल किया कि जब मुख्य पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता पिछले सप्ताह मामले की सुनवाई कर रहे थे तो दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका का उल्लेख क्यों नहीं किया गया।
केजरीवाल ने अपने “अचानक और अस्पष्टीकृत वजन घटने तथा कीटोन के उच्च स्तर” को देखते हुए, पीईटी-सीटी स्कैन सहित कई चिकित्सा परीक्षण कराने के लिए अपनी अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने की मांग की है, जो किडनी, गंभीर हृदय संबंधी बीमारियों और यहां तक कि कैंसर का संकेत है। 26 मई को प्रस्तुत अपनी नवीनतम याचिका में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जेल लौटने की मूल रूप से निर्धारित तिथि 2 जून के बजाय 9 जून को जेल अधिकारियों के समक्ष सर्रेंडर करेंगे।
शीर्ष अदालत ने 10 मई को मुख्यमंत्री को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें। मुख्यमंत्री को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।