खामोश हुई बिरजू महाराज की थिरकन, अटैक के कारण हुआ निधन

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नई दिल्ली: प्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज की थिरकन खामोश हो गई है…उनका हार्ट अटैक के कारण दुःखद निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलने के बाद कला जगत के साथ ही देश भर में भी शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें कि बिरजू महाराज ख्याति प्राप्त कथक नर्तक थे वहीं उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से भी नवाजा था।फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पंडित बृजमोहन मिश्र जिन्हें बिरजू महाराज भी कहा जाता है प्रसिद्ध भारतीय कथक नर्तक थे। वे शास्त्रीय कथक नृत्य के लखनऊ कालिका-बिन्दादिन घराने के अग्रणी नर्तक थे।

पंडित जी कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे जिसमें अन्य प्रमुख विभूतियों में इनके दो चाचा व ताऊ, शंभु महाराज एवं लच्छू महाराज; तथा इनके स्वयं के पिता एवं गुरु अच्छन महाराज भी आते हैं। ये एक अच्छे शास्त्रीय गायक भी थे।

इन्होंने कत्थक नृत्य में नये आयाम नृत्य-नाटिकाओं को जोड़कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। बिरजू महाराज का जन्म कत्थक नृत्य के लिये प्रसिद्ध जगन्नाथ महाराज के घर हुआ था, जिन्हें लखनऊ घराने के अच्छन महाराज कहा जाता था। ये रायगढ़ रजवाड़े में दरबारी नर्तक हुआ करते थे। इनका नाम पहले दुखहरण रखा गया था, क्योंकि ये जिस अस्पताल पैदा हुए थे, उस दिन वहाँ उनके अलावा बाकी सब कन्याओं का ही जन्म हुआ था, जिस कारण उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया। यही नाम आगे चलकर बिगड़ कर ‘बिरजू’ और उससे ‘बिरजू महाराज’ हो गया।