मिर्जापुर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हमेशा से ही अपने बयानों के चलते सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. एक बार फिर दिग्विजय सिंह ने सुर्ख़ियों में रहने वाला हालांकि एक अजीब और कहीं न कहीं एक विवादित बयान दिया है. इस बार दिग्विजय सिंह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान जाने की बात कही है. मिर्जापुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने यह इच्छा जाहिर की है.
मिर्जापुर में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से पत्रकारों ने पाकिस्तान जाने के बारे में पूछा. पत्रकारों ने दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि उनकी इच्छा पाकिस्तान जाने की है. क्या वह पाकिस्तान गए हैं ? इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वे गए तो नहीं हैं लेकिन जाना चाहते हैं. बता दें कि आज देर शाम दिग्विजय सिंह मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के दर पर पहुंचें और उन्होंने देवी का दर्शन करने के साथ ही माता का पूजन-अर्चन भी किया.
दिग्विजय सिंह ने माता विंध्यवासिनी की पूजा के बाद नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस उपाध्यक्ष दीपचंद्र जैन के घर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. पाक़िस्तान जाने के सवाल के साथ ही उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर बीते आठ दिनों से जारी किसान आंदोलन को लेकर भी बात की. उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कृषि कानूनों के संबंध में कहा कि सरकार द्वारा ये कानून निजी कंपनियों के इशारे पर बनाए गए हैं. दिग्विजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि इन कानूनों से गरीब किसानों को नुकसान ही होगा. उन्हें इसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम किसानों को उनका अधिकार दिलाएंगे. कांग्रेस किसानों के साथ है. कांग्रेस की सरकार ने कभी भी डब्ल्यूटीओ का दबाव बर्दाश्त नहीं किया है. डब्ल्यूटीओ ने हमेशा से ही देश पर दबाव बनाया है. पत्रकारों से चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा. उन्होंने पीएम को लेकर कहा कि, पीएम मोदी ने तो बिना चर्चा के ही कृषि बिल पास करा दिए. वहीं अमित शाह पर हमला करते हुए दिग्विजय ने कहा कि गृहमंत्री ने आज कुछ कहा है. अगर पहले ही कुछ कहा होता तो आज ऐसी स्थिति उत्पन्न न होती.
5 दिसंबर को फिर सरकार-किसानों की बैठक…
बता दें कि 1 दिसंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मोदी सरकार और किसानों के बीच किसान आंदोलन को लेकर बातचीत हुई थी, हालांकि वह बैठक बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 3 दिसंबर को दोबारा बैठक बुलाई थी. आज भी विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच करीब साढ़े सात घंटे तक बैठक चली, लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया. कृषि मंत्री ने अगली बैठक अब 5 दिसंबर को बुलाई है.