कोरोना वायरस के कहर ने जहां 2 साल तक लोगों को डराया वहीं अब इस वायरस के मरीजों को लेकर एक बार फिर से बड़ा खुलासा एक स्टडी में किया गया है। बताया जा रहा है कि अब कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के आंसुओं से भी फैल इसका संक्रमण फेल सकता है। इस बात को लेकर स्टडी अमृतसर के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा की गई है। कहा जा रहा है कि अब तक 120 मरीजों के सैंपल पर नजर रखी गई है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रमण सांस के जरिए ही होता है।
ख़बरों के मुताबिक, कोरोना के 120 मरीजों पर ये स्टडी की गई है। इनमें से 60 मरीजों में आंसुओं के जरिए वायरस शरीर के दूसरे हिस्से में पहुंच गया। जबकि 60 मरीजों में ऐसा नहीं हुआ है। बता दे, शोधकर्ताओं ने 41 रोगियों में कंजंक्टिवल हाइपरमिया, 38 में फॉलिक्युलर रिएक्शन, 35 में केमोसिस, 20 रोगियों में म्यूकॉइड डिस्चार्ज और 11 में खुजली पाई गई। साथ ही ऑक्यूलर लक्षणों वाले लगभग 37% मरीजों में मध्यम कोविड -19 संक्रमण था. बाक़ी 63% में कोविड-19 के गंभीर लक्षण थे।
बता दे, ऐसे में करीब 17.5% मरीज़ जिनके आंसू के आरटी-पीसीआर टेस्ट हुए वो भी कोरोना पॉजिटिव निकले। वहीं 11 रोगियों (9.16%) में ओकुलर अभिव्यक्तियां थीं और 10 (8.33%) को कोई भी ओकुलर शिकायत नहीं थी। इसके अलावा कोरोना वायरस रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमित मरीज कंजेक्टिवायटल स्राव में संक्रमण को दूर कर सकते हैं।
साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर इसी महीने आ सकती है। इस दौरान रोजाना एक लाख मामले आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि बहुत खराब स्थिति में यह संख्या डेढ़ लाख प्रतिदिन तक पहुंच सकती है। इसके अलावा हैदराबाद और कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में मथुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में किए गए शोध में यह दावा किया गया है कि अक्टूबर में तीसरी लहर का पीक देखने को मिल सकता है।