वाशिंगटन। अमेरिका में बाइडेन की सरकार बनते ही सबसे पहला झटका पाकिस्तान को लगा है। दरअसल अमेरिका ने दक्षिण एशिया के तीन देशों के लिए अपनी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है जिसमें पाकिस्तान की यात्रा को भी खतरनाक बताया गया है। वही अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की यात्रा ना करें। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को तीनों देशों के लिए अलग से ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है।
साथ ही एडवाइजरी में कहा गया है कि, कोविड-19, आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए अमेरिकी नागरिक पाकिस्तान की यात्रा पर जाने से पहले पुनर्विचार करें। इतना ही नहीं अमेरिका ने आतंकवाद और अपहरण की घटनाओं के मद्देनजर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वां प्रांतों में भी नहीं जाने की सलाह दी है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि, भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक इलाकों में ना जाएं क्योंकि कई आतंकवादी संगठन इस इलाके में सक्रिय हैं। सीमा के दोनों तरफ भारत और पाकिस्तान की सैन्य मौजूदगी है और एलओसी पर गोलीबारी होती रहती है। साथ ही अमेरिका ने अपने नागरिको से पाकिस्तान के अलावा, बांग्लादेश की यात्रा को लेकर भी आगाह किया है। एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि, कोविड-19 के अलावा, बांग्लादेश में अपराध, आतंकवाद और अपहरण की घटनाओं को मद्देनजर अमेरिकी नागरिकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. खागराचारी, रंगामती, बंदरबन की यात्रा करना बेहद खतरनाक है क्योंकि यहां सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आती रहती हैं। साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ-साथ अफगानिस्तान की यात्रा से बचने की भी सलाह दी गई है। वही इसके पीछे की वजह इसके पीछे कोविड-19, अपराध, आतंकवाद, आंतरिक अशांति, अपहरण और सशस्त्र संघर्ष को बताया गया है।
हालांकि अगर पाकिस्तान की नजर से देखा जाये तो पाकिस्तान ने बाइडेन की सरकार के आने पर पाकिस्तान-अमेरिका के रिश्ते में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद जाहिर की थी। वही रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि बाइडेन प्रशासन को समझना चाहिए कि पिछले चार सालों में पाकिस्तान बहुत बदल चुका है और नई जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए रिश्तों की बुनियाद रखी जानी चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि, पिछले चार सालों में दुनिया बहुत बदल चुकी है, ये क्षेत्र भी बदल चुका है और पाकिस्तान भी। अब आपको एक नए पाकिस्तान के साथ रिश्ते कायम करने होंगे। साथ ही कुरैशी ने बाइडेन प्रशासन में विदेश मंत्री बनने वाले एंटनी ब्लिंकेन को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था। जिसमे कुरैशी ने लिखा था कि हम अब सिर्फ भू-रणनीतिक महत्व वाले देश नहीं रहे बल्कि इससे आगे बढ़ते हुए भू-आर्थिक के नजरिए से भी अहम हो गए हैं।