Bhaum Pradosh Vrat 2021: आज है भौम प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व

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Bhaum Pradosh Vrat 2021: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दौरान साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पुरे विधि- विधान से पूजा करते है और यह व्रत बहुत ही सर्वोत्तम माना गया है।

Pradosh Vrat 2021

कार्तिक मास (kartik maas) के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 16 नवंबर यानि आज है। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत को करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है। चलिए जानते है भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त (shubh muhurat), पूजा विधि और सम्पूर्ण पूजन सामग्री।

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भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष तिथि आरंभ- 16 नवंबर 2021 प्रातः 10 : 31 मिनट से
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त- 17 नवंबर 2021 दोपहर 12 : 20 मिनट पर
पूजन शुभ मुहूर्त- शाम 6 : 55 मिनट से लेकर 8 : 57 मिनट तक
प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल मतलब सूर्यास्त के समय किया जाता है।

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प्रदोष व्रत पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। वहीं स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ कपड़े पहन लें। फिर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और अगर संभव है तो व्रत करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें। फिर भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें। वहीं इस दौरान इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। यह तो सभी जानते है कि किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। फिर भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इसके बाद भगवान शिव की आरती करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री-
पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।