Indore News : संत भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में केयर टेकर पलक के साथ ही सेवादार शरद व विनायक को दोषी साबित किया गया है। इस मामले में कोर्ट जल्द ही इन सभी को सजा का ऐलान जल्द ही करेगी। आरोपी पक्ष ने भय्यू महाराज का लिखा सुसाइड नोट पूरे मामले में अहम सबूत के तौर पर पेश किया।
वहीं मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए इंदौर जिला कोर्ट ने केयर टेकर पलक, मुख्य सेवादार विनायक के साथ ही शरद को भी दोषी सिद्ध किया है। कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में अंतिम सुनवाई की। इस दौरान सभी साक्ष्यों व गवाहांे को कोर्ट के सामने प्रस्तुत होना पड़ा वहीं अभियोजन पक्ष ने तीनों आरोपियों के खिलाफ बहन और दूसरी पत्नी आयुषी को गवाह बना कर जिला कोर्ट में पेश किया। बता दें कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को अपनी कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।
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चर्चा में था यह मामला
भय्यू महाराज का अपना वर्चस्व रहा है लेकिन जिस दिन उन्होंने अपनी कनपटी पर गोली दागकर आत्महत्या की, उसी दिन के बाद उनकी आत्महत्या का मामला चर्चा में रहा। कोर्ट में भी शुक्रवार के दिन होने वाली अंतिम फैसले व आरोपियों की सजा को सुनने को लेकर लोगों में रूचि देखी गई।
राजनीति के संपर्क में
भय्यू महाराज राजनीति के संपर्क में तब आए जब वह अनिल देशमुख के द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से जुड़े, जिसके बाद उन्होंने मराठा क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए मतदाता आधार बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, अपने जीवन के उत्तरार्ध में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के काफी करीबी रहे थे और उन्हें शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में मंत्री पद की पेशकश भी की गई थी।
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भय्यू महाराज सुसाइड केस में फैसला 3 साल में 32 गवाह और 150 पेशी; शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक, शरद को 6-6 साल की सजा.