मंगलवार को हनुमान का दिन माना जाता है यह तो हम सभी को पता है। कुछ लोग अपने दुखों के निवारण के लिए और हनुमान जी को मनाने के लिए मंगलवार का व्रत भी करते है। कुछ लोगों को इसका फायदा भी होता है लेकिन कुछ लोग इससे चूक भी जाते है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योकि वे इसे सही विधी से नहीं करते, जिसके कारण वे लाभ से चूक जाते है। हनुमान जी को खुश करते ही आपके दुखों का निवारण हो जाएगा। वही ऐसा माना जाता है कि हनुमान बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं।
शायद यही वजह है कि आज के समय में हनुमान जी के भक्तों की संख्या भी बहुत अधिक हो गई है। वैसे तो भगवान राम के भक्त हनुमान अपने भक्तों की हर विपदा को दूर करते हैं। ऐसा माना गया है कि उनकी सच्चे मन से प्रार्थना करे तो वह सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है। वहीं मान्यता है कि बजरंग बली के अंजनी सुत, वायु पुत्र, महाबल, रामेष्ठ, फाल्गुण सखा, पिंगाक्ष, अमित विक्रम, उदधिक्रमण, सीता शोक विनाशन, लक्ष्मण प्राणदाता, दशग्रीव दर्पहा प्रमुख 12 नाम बहुत ही प्रभावशाली हैं। कोई भी नया काम करने से पहले और शुभ काम करने से पहले इन नामों का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इससे काम में सफलता मिलती है।
ये हैं बजरंगबली के वो 12 नाम :
- हनुमान
- अंजनीसुत
- वायुपुत्र
- महाबल
- रामेष्ट
- फाल्गुनसख
- पिंगाक्ष
- अतिविक्रम
- उदधिक्रमण
- चैव सीताशोकविनाशन
- लक्ष्मण-प्राणदाता
- दशग्रीवस्यदर्पहा
मंत्र : अतुलित बलधामं, हेमशैलाभदेहं। दनुजवनशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुण निधानं, वानराणामधीशं। रघुपतिप्रिय भक्तं, वातजातं नमामि॥
इसका अर्थ है कि अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के समान कांतियुक्त शरीर वाले, दैत्य रूपी वन (को ध्वंस करने) के लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान, वानरों के स्वामी, श्री रघुनाथ जी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमानजी को मैं प्रणाम करता हूं।