सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है माना जाता है। सावन के हर दिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। सावन में भोलेनाथ अपने हर भक्त से प्रसन्न में रहते हैं।
इस बार 25 जुलाई 2021 से सावन का महीना दस्तक देने वाला है। वहीं हमारे पौराणिक शास्त्रों में सावन के महीने में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन इस महीने में जरूर करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में साग और दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शरीर पर कई नकारात्मक असर पड़ते हैं। ऐसे में आइए जानते है सावन के महीने में इनका सेवन क्यों नहीं करना चाहिए।
-हिंदू मान्यता के अनुसार दूध भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। इस कारण सावन के महीने में भगवान शिव का दूध के जरिए ही अभिषेक किया जाता है। इसी वजह से सावन के महीने में दूध का सेवन करने को हमारे शास्त्रों में मना किया गया है।
-बता दें भगवान शिव का प्रकृति के साथ एक अनोखा रिश्ता है। उन्हें भी प्रकृति काफी पसंद है। सावन का महीना बरसात का महीना होता है। इस कारण वर्षा के चलते पूरी प्रकृति खूबसूरत नजर आती है। पेड़ पौधे उसके श्रृंगार बनते हैं। ऐसे में मान्यता है कि इस समय पेड़ पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। साग भी पौधों का ही एक रूप है इसलिए सावन के महीने में साग का सेवन नहीं करना चाहिए।
-खास बात तो यह हैं कि इस महीने में साग का सेवन नहीं करने की वैज्ञानिक वजह भी है। सावन माह में खूब वर्षा होती है। इस कारण खेतों में कीट, पतंगों और अन्य किस्म के कीड़े मकोड़ों की संख्या काफी बढ़ जाती है और कई हानिकारक किस्म की घास-फूस खेतों में उग जाती हैं। ऐसे में जब हम साग को खेत से लाते हैं और बनाकर उसका सेवन करते हैं, तो कई हानिकारक तत्व हमारे पेट के भीतर चले जाते हैं। इससे हमारा पाचन तंत्र खराब हो जाता है।
-सावन के महीने में गाय और भैंस को जो चारा दिया जाता है, उसमें खेत से आए हुए कई हानिकारक घास-फूस मिले होते हैं। ऐसे में गाय भैंस चारे के सेवन करने के साथ-साथ कई हानिकारक तत्वों को भी खा लेती हैं। इस कारण उनके दूध के सेवन से वही हानिकारक तत्व हमारे भीतर भी पहुंच जाते हैं, जिसके चलते हमारे बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।