देश में बीतें कुछ दिनों से पतंजलि कंपनी पर कई सवाल उठ रहे है। आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस पर सुनवाई करेगा। इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की ओर से माफीनामा दाखिल किया गया था। पिछली सुनवाई में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने रामदेव को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफी सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर क्षमा की भावना नहीं है।
योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि के औषधीय उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों पर सुनवाई से एक दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है। मामले की सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना है।
रामदेव ने हलफनामें में लिखा, “मैं विज्ञापनों के मुद्दे के संबंध में अपनी बिना शर्त माफी मांगता हूं, जो प्रतिवादी संख्या 5 (पतंजलि) के वकील के बयान के बाद हुआ, जो 21 नवंबर, 2023 के आदेश में दर्ज किया गया था, जिसके बारे में मुझे सूचित किया गया है कि इसमें बल है।”
योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के संबंध में अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। जिसमें कारण पूछा गया था कि दिए गए वादों का पालन नहीं करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।