इंदौर हाईकोर्ट के निर्देश पर धार भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), जीपीएस-जीआरएस के विशेषज्ञ भी कार्बन डेटिंग के लिए खुदाई कर रहे हैं। रिपोर्ट 29 अप्रैल तक कोर्ट में पेश की जा सकती है। इससे पता चल सकेगा कि भोजशाला की संरक्षित इमारत मूल रूप से मंदिर थी या मस्जिद। यहां हर मंगलवार को आम लोगों द्वारा पूजा की जाती है जबकि शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है। हिंदू पक्ष ने इसे मंदिर बताते हुए याचिका दायर की है, इस पर सर्वे पिछले महीने शुरू किया गया था।
हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि सर्वे के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आए हैं। उनका दावा है कि जो नए तथ्य आए हैं उसके मुताबिक यह एक मंदिर है। उनका कहना है कि 15वें दिन गर्भगृह के पिछले हिस्से में तीन सीढ़ियां नजर आईं और 19वें दिन दीवार में वर्षों से छिपी गाय भी बाहर आ गई।
वहीं मुस्लिम पक्ष अपनी बात पर अड़ा हुआ है। उन्होंने फिर दोहराया है कि इस सर्वे की क्या जरूरत है, जब यह पहले ही तय हो चुका था कि यह एक मस्जिद है। आपको बता दें कि 22 मार्च से शुरू हुए सर्वे को अब 25 दिन हो गए हैं।