भारत प्रवास पर आए अमेरिका के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने इंदौर संभाग के धार जिले के छोटे से कस्बे बाग का भ्रमण कर बागप्रिंट कला की प्रक्रिया तथा बारीकियों को समझा। प्रतिनिधिमण्डल ने बाग प्रिंट के मास्टर शिल्पकार राष्ट्रीय तथा अंर्तराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पियों से चर्चा की तथा बाग प्रिंट प्रक्रिया को भी जाना। दल के सदस्यों ने कहा कि छोटे से कस्बे के शिल्पियों ने अपनी पुस्तेनी बाग कला से देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है। बाग शिल्पी बिरासत में मिली इस कला को संरक्षित तथा प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बाग प्रिंट के जनक शिल्पगुरू पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, लाईफ टाईम अर्चिवमेंट, राज्य स्तरीय विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित स्व. श्री इस्माईल खत्री ने इस कला की शुरूआत की थी। आज भी उनकीे इस अदभुत कला की विरासत को उनके पुत्रगण इसे निरंतर सजा-सवांर कर नई उचाईयां दे रहे हैं।
इस मौके पर शिल्प गुरु (गोल्ड मेडलिस्ट) राष्ट्रीय हस्तशिल्प,हथकरघा, राज्य स्तरीय तथा अर्तराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित शिल्पकार मोहम्मद युसूफ खत्री ने अमेरिका के दल के सदस्यों को बाग प्रिंट कला की प्रक्रिया, बारीकियों तथा कला से संबंधित विभिन्न जानकारियों से अवगत कराया। साथ ही उनके पुत्र नेशनल अवार्डी बिलाल खत्री ने भी बाग प्रिंट कला की जानकारी दी तथा ठप्पा छपाई का प्रदर्शन किया।
बाग के युसूफ खत्री परिवार ने फूल-माला पहनाकर अमेरिका के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों का स्वागत किया। प्रतिनिधिमण्डल को बाग प्रिंट कला के उत्पाद भी बहुत पसंद आए तथा बाग प्रिंट कला की प्रक्रिया देखकर अभिभूत हो गये। अमेरिका के प्रतिनिधिमण्डल ने कहा की खत्री परिवार के सदस्य दुनिया के सबसे अच्छे सेल्समेन होने के साथ ही कुशल कारीगर भी है। अमेरिका दल के सदस्य अपने भ्रमण से पूर्व शिल्पकार युसूफ खत्री से लगातार सम्पर्क बनाए हुए थे।
इस मौके पर अमेरिका के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों को बाग प्रिंट के जनक स्व.श्री इस्माईल खत्री के परिवार के सदस्य शिल्पकार सर्वश्री उमर फारूख खत्री, मोहम्मद आरिफ खत्री, गुलाम मोहम्मद खत्री, मोहम्मद रफीक खत्री, मोहम्मद काजिम खत्री, अब्दुल करीम खत्री, कासिम खत्री, हामिद जिलानी खत्री, अहमद खत्री, मोहम्मद खत्री, मोहम्मद अली खत्री ने भी बाग प्रिंट कला से अवगत कराया।