आयुर्वेद में कई पेड़-पौधों से उनके फायदों के बारे में बताया गया है। इनमें से अधिकतर पेड़ जंगलों में पाए जाते हैं। इनकी छाल से लेकर पत्तियां तक कई बीमारियों में काम आती हैं। ऐसी ही है अर्जुन की छाल। लेकिन, इस पेड़ के औषधीय गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अर्जुन की छाल को आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। यह कई बीमारियों को दूर करता है।
‘हृदय को स्वस्थ रखता है’
हृदय को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा, यह मधुमेह रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी कहा जा सकता है। अर्जुन की छाल के फायदों को आयुर्वेद में एक महान औषधि बताया गया है।
‘अर्जुन की छाल में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है’
आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि अर्जुन की छाल में कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है। उन्होंने कहा कि यह शरीर की कई तरह की समस्याओं को दूर करता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और एसडीएल लेवल को बढ़ाता है।
‘यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से बचाता है’
अर्जुन की छाल काढ़ा हार्ट ब्लॉक के मरीजों की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है। इससे शुगर कंट्रोल में रहती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से बचाता है।
‘अर्जुन की छाल गले के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर’
अर्जुन की छाल का एक छोटा सा टुकड़ा रात भर पानी में भिगोकर, सुबह उबालकर, छानकर पीना चाहिए। इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। अर्जुन की छाल गले के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर है। खांसी, संक्रमण, गले में खराश, सर्दी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। बाजार में अर्जुन की गोलियां और पाउडर भी उपलब्ध हैं।
‘इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है’
अर्जुन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसीलिए इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। अर्जुन की छाल शरीर को कई बीमारियों से बचाती है। हृदय संबंधी रोगों के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग रामबाण की तरह है। अब तक हृदय संबंधी कई बीमारियों जैसे हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर में अर्जुन की छाल के उपयोग और इसके फायदों पर कई अध्ययन हो चुके हैं। आयुर्वेद में काढ़े के रूप में इसके उपयोग का उल्लेख है।