विश्व के सबसे युवा रेकी हीलर, सेलिब्रिटी टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री है आयुष गुप्ता, भारत समेत दुनियाभर में अपनी कला से करते है कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज
इंदौर 01 नवंबर 2023
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एक बार जेल में रह कर आ गया वह अपराध की दुनिया को नहीं छोड़ सकता वह व्यक्ति हमेशा के लिए गलत रास्ता ही चुन लेता है। लेकिन “अनंत ऊर्जा सफर” एक ऐसी पहल है जिससे आप आध्यात्मिक रूप से खुद से जुड़ सकते है और यदि आप इसे अपने नियमित जीवन में लागू कर ले तो आपका जीवन ही बदल जाएगा। आजकल के नीरस जीवन में जहाँ हर व्यक्ति शारिरिक के साथ मानसिक कमजोरी का भी सामना कर रहे है उनके लिए अनंत ऊर्जा सफर एक नए जीवन कि शुरुआत करने जैसा है। इंदौर सेंट्रल जेल में मंगलवार सुबह “अनंत ऊर्जा सफर” की शुरुआत की गई जिसके तहत जेल में मौजूद कैदियों को अध्यात्म के जरिए मानसिक तौर से सक्षम बनने में मदद की जाएगी। जिससे वह जब भी अपनी सजा पूरी कर जेल से बाहर जाएंगे तो वह मानसिक रूप से इतने सक्षम रहे कि वह दुबारा ऐसी कोई गलती या अपराध न करें। आयुष गुप्ता अब तक दुनिया भर में रैकी हीलिंग के माध्यम से कैंसर, कोमा जैसी गंभीर बीमारियों का भी सफल इलाज कर चुके है । एवं भारत में अब तक 1000 से भी उपचार कर चुके है साथ ही आयुष ने 20000 से भी अधिक लोगों को टैरो कार्ड रीडिंग से उनके भविष्य की सही राह दिखाई है जिसमें कई सेलेब्रिटीज़ भी शामिल है। अनंत ऊर्जा सफर के दौरान कैदियों एवं स्टाफ को रैकी हीलिंग के द्वारा भी छोटी बड़ी बीमारियों को हीलिंग द्वारा ठीक करने का प्रयास किया गया।
आयुष गुप्ता ( विश्व के सबसे युवा रेकी हीलर, सेलिब्रिटी टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री) ने कहा कि कोई भी अपराधी अपनी इच्छा से अपराध नहीं करता बल्कि खुद के द्वारा बनाई गई परिस्थितियों से निपटने के लिए अपराध या गलत रास्ता चुनता है और उसके बाद उसे अपने परिवार, दोस्त , बाहर की दुनिया से दूर जेल में रह कर अपना जीवन बिताना पड़ता है लेकिन अगर वह मानसिक रूप से सक्षम रहेगा तो हर परिस्थिति से लड़ने में और सही-गलत में फर्क करने के लायक रहेगा और यदि ऐसा हर इंसान करने लगे तो शायद इस दुनिया मे अपराध होना ही बंद हो जाएंगे। इसलिए मैं माननीय जेल अधीक्षक अलका सोनकर जी से गुजारिश करूँगा की इंदौर सेंट्रल जेल में अनंत ऊर्जा सफर की शुरुआत की जाए एवं इसे नियमित किया जाए जिसके सकारात्मक परिणाम आपको जल्द ही देखने मिल जाएंगे।
सेंट्रल जेल इंदौर अधीक्षक अलका सोनकर जी ने बताया कि सेंट्रल जेल इंदौर का स्टॉफ एवं कैदी मेरा परिवार है एवं इनके शारिरिक और मानसिक सेहत का ख्याल रखना मेरी ज़िम्मेदारी है। शारीरिक सेहत के लिए जेल में तरह – तरह के कैम्प्स और उपकरणों से कैदियों की देख रेख की जाती है लेकिन मानसिक सेहत के लिए “अनंत ऊर्जा सफर” के तहत यह पहला कदम है।