मुंबई। शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती के एक दिन बाद शिवसेना सांसद संजय राउत का एक बड़ा बयान सामने आया जिसमे उन्होंने कहा कि, “देश में आज जिस तरह का माहौल है उसमें बाला साहेब की सख्त जरूरत थी।” बता दे कि, बीते कल शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती थी जिसके बाद आज संजय राउत का यह बड़ा बयान सामने आया। दरअसल उन्होंने पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने लेख में किसान आंदोलन को लेकर लिखा है कि किसानों को प्रदर्शन करते 60 दिन हो चुके हैं और बातचीत अभी तक बेनतीजा है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा कि, “इस तरह के वक्त में सरकार के कान मरोड़ कर सीधे रास्ते पर लाने के लिए आपको बाला साहेब की जरूरत थी। आज भी लोग उनका नाम सुनकर जोश में आ जाते हैं, क्योंकि उनमें वो करिश्मा था जिससे कि वो किसी मुद्दे पर पूरे देश को आंदोलित कर सकते थे। ऐसी लीडरशिप आज देखने को नहीं मिलती।”
वही आर्थिक राजधानी में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया के पास कोलाबा के पॉश इलाके में बाल ठाकरे की प्रतिमा के विरोध के संबंध में राउत ने कहा कि, कुछ लोग नहीं चाहते थे कि प्रतिमा लगे। वो सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का हवाला दे रहे हैं। विरोध के बावजूद प्रतिमा का उद्घाटन हुआ। राउत ने लिखा कि, “बाला साहेब कोर्ट के आदेशों की चिंता नहीं करते थे। वो अपने आप में एक कोर्ट थे। एक बार वो अपनी कुर्सी पर बैठ जाते थे तो कोर्ट शुरू हो जाता था। उनके शब्द ही इंसाफ थे।”
संजय राउत ने कहा कि असली राम लोगों के दिलों में बसते हैं, राम मंदिर में नहीं। उन्होंने लिखा कि, “मूर्तियां, सरकारी योजनाएं और इमारतों के नाम बाला साहेब पर रखे जाते हैं। लेकिन लोग उन्हें याद रखें, उसके लिए उनकी शख्सियत को इन सब चीजों की जरूरत नहीं थी। लोग भगवान राम को तब भी नहीं भूलते, अगर उनका मंदिर अयोध्या में नहीं बनता। ऐसे ही बाला साहेब को उनके कामों के लिए याद किया जाएगा।”