पटना। बिहार में सियासी हलचल अभी भी जारी है। इसी के चलते बिहार में शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद इस्तीफा दिए जाने को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है। जहां इस मामले को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपी को मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे उदाहरण बताते हुए तेजस्वी से ही इस्तीफे की मांग कर रहा है।
गुरुवार को शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। मालूम हो कि, कुछ ही दिनों पहले राजग सरकार में सीएम के रूप में नीतीश कुमार के शपथ लेने के साथ उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी। जिसके बाद आज चौधरी ने शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया था। शिक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद से ही उनपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा था।
वही, पदभार संभालने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। इस्तीफे के बाद राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने एकबार फिर मुख्यमंत्री को घेरा है। उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे को नौटंकी बताते हुए असली गुनहगार मुख्यमंत्री को बताया।
भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ‘तेजस्वी यादव को भी इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वे भी भ्रष्टाचार से जुड़े आईआरसीटीसी घोटाले में न केवल चार्जशीटेड हैं बल्कि जमानत पर हैं। कोविड के कारण ट्रायल हुआ था। किसी भी दिन ट्रायल शुरू हो सकता है।’
वही, जदयू के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि, ‘शिक्षा मंत्री ने इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन, भ्रष्टाचार और अपराध से समझौता नहीं करने के संस्कार को प्रमाणित किया है।’ नीरज कुमार ने कहा कि, ‘तेजस्वी यादव भी भादवि की धारा में 420 के आरोपी हैं और दूसरे को नसीहत दे रहे हैं। खुद राजद विधायक दल के नेता बन रहे हैं। तेजस्वी यादव को भी अनुसरण करते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।’