उज्जैन में महाकाल लोक के बाद अब महाकाल सांस्कृतिक वन बन रहा है, जो प्रकृति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। विक्रम विश्वविद्यालय की लगभग पांच एकड़ जमीन पर तैयार वन क्षेत्र, सनातन धर्म-संस्कृति और गौरवशाली अतीत की झलक दिखलाता है और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
वन में श्रीकृष्ण वाटिका, श्रीराम वाटिका, अशोक वाटिका, कालिदास वाटिका, सप्त ऋषि वाटिका, नक्षत्र वन और हर्बल नर्सरी जैसी विभिन्न वाटिकाएं प्रकृति के प्रति प्रेम बढ़ाने के साथ आध्यात्मिक अहसास कराती हैं। पथ पर भगवान शिव, श्रीराम और श्रीकृष्ण को प्रिय पौधे और गौरवशाली अतीत के चित्र भी बनाए गए हैं।
यहाँ विक्रम संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य का सिंहासन भी बनाया जा रहा है। भव्य प्रवेश द्वार के साथ शिखर पर लगा त्रिशूल भी बनकर तैयार है। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा। सनातन धर्म-संस्कृति और गौरवशाली अतीत को दर्शाएगा।