नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब भारत ने तालिबानियों को दो टूक सुनाई है। आज यानी गुरुवार को भारत ने दो टूक कहा है कि अफगान की धरती का भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाए। इसके साथ ही कतर की राजधानी दोहा में पिछले दिनों हुई भारत और तालिबान के बीच पहली औपचारिक बैठक पर भी केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया दी है।
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साथ ही सरकार ने बैठक को सिर्फ एक बैठक बताया है और कहा है कि जहां तक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने का सवाल है तो यह अभी शुरुआती समय है। काबुल एयरपोर्ट के बंद होने की वजह से निकासी अभियान भी रुका हुआ है। कई दिनों के निकासी अभियान के बाद भी अफगानिस्तान में अब भी कितने भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, इस पर सरकार ने कहा कि संख्या की जानकारी देना काफी मुश्किल है।
We are not aware of any detail or nature of what kind of govt could be formed in Afghanistan. I have no update on our meeting (with Taliban): MEA Spokesperson Arindam Bagchi pic.twitter.com/OR7v1AuZZM
— ANI (@ANI) September 2, 2021
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ”हमारी इस समय मुख्य चिंता इसकी है कि अफगानिस्तान की धरती का भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इस पर अटकलें लगाने की जरूरत नहीं है।” प्रवक्ता ने आगे कहा कि, ”अभी निकासी अभियान को रोक दिया गया है, क्योंकि काबुल एयरपोर्ट बंद है। संख्या को शेयर करना मुश्किल है कि अब भी कितने भारतीय बचे हैं। अधिकांश भारतीय, जो लौटने के इच्छुक थे, उन्हें पहले ही निकाल लिया गया है।”
इस दौरान जब बागची से पूछा गया कि काबुल एयरपोर्ट का परिचालन कब शुरू होगा, तो उन्होंने कहा कि इस पर कोई भी अपडेट नहीं है कि कब हम और फ्लाइट्स को भेज सकेंगे। गौरतलब है कि, अफगानिस्तान में अमेरिकी की पूरी तरह से वापसी हो चुकी है और सूत्रों के अनुसार, अब शुक्रवार को नई तालिबान सरकार का गठन हो सकता है।
साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने तालिबान सरकार पर कहा कि, ”निमंत्रण और वहां की बनने वाली सरकार के नेचर के बारे में कोई भी अपडेट नहीं है। जब तक काबुल एयरपोर्ट ऑपरेशनल नहीं हो जाता है, तब तक कुछ नहीं हो सकेगा. हम अफगान नागरिकों को ई-वीजा दे रहे हैं।