AC Side Effects: दिन भर AC की हवा खाने वाले हो जाएं सावधान, वरना शरीर का होगा बुरा हाल

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AC Side Effects: जैसा कि हम सभी जानते है कि गर्मियों के मौसम में अधिकतर लोग AC की ठंडी हवा खाने लगते है। गर्मियों में लोग बेचैनी दूर करने के लिए कूलर, एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते है। आज के समय में AC लोगों की पहली पसंद बन चुकी है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि जिस AC पर आप गर्मियों में जान छिडकते हैं, वही आपके लिए जानलेवा सिद्ध हो सकती है? एयर कंडीशनर हमारे में बहुत सारी बीमारियों के होने का खतरा बड़ा सकती है। बहुत सारी बीमारियाँ ऐसी होती हैं जो AC Rooms में रहने के कारण होती है। चलिए जानते हैं एयर कंडीशनर रूम में रहने से होने वाली बीमारियों के बारे में-

जोड़ों का दर्द

जो लोग सारा दिन गर्मी से बचने के लिए AC का इस्तेमाल करते हैं, उन लोगों में घुटनों की समस्या का रहना आम बात है। दरअसल एयर कंडीशनर में रहने से जोड़ों में दर्द और शरीर में अकड़न पैदा होती है और शरीर की कार्य क्षमता को धीरे-धीरे कम कर करने लगता है।

इम्यून सिस्टम खराब होना

एसी रूम में रहने के कारण मनुष्य शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है। हमारे अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। ऐसे में AC का इस्तेमाल करना किसी खतरे को बुलाने से कम नहीं है।

मोटापा बढ़ना

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अपने कमरे में एयर कंडीशनर के इस्तेमाल से ना केवल आप बीमारियों को न्योता देते हैं बल्कि आपका वजन भी बढ़ने लगता है। दरअसल ठंडी जगह पर रहने से हमारे शरीर की एनर्जी कम मात्रा में खर्च होती है जिसके कारण पेट की चर्बी बढ़ने लगती है।

इंफेक्शन का खतरा

साइंस द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति एयर कंडीशन रूम में रहता है तो उसमें साइनस इन्फेक्शन होने की संभावना दो गुना बढ़ जाती है।अधिक समय तक ठंड में रहने से हमारे शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और शरीर को कमजोर बना देती है।

थकान महसूस करना

कमरे में लगातार ऐसी का इस्तेमाल करने से आपको दिन भर थकावट की समस्या महसूस हो सकती है। क्योंकि ज्यादा समय तक एसी रूम में बैठने से फ्रेशेर सर्कुलेट नहीं हो पाता और कभी-कभी ऐसा होता है कि एयर कंडीशनर का तापमान कम करने पर हमें सिर दर्द और चिड़चिड़ाहट महसूस होने लगती है।

ब्रेन की क्षमता पर असर

AC का अधिक इस्तेमाल करने से हमारे दिमाग पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल ऐसा करने से हमारे दिमाग की कोशिकाएं संकुचित होने लगती हैं जिससे दिमाग की क्षमता और क्रियाशीलता धीरे-धीरे कम होने लगती है।