इंदौर : प्रीतमलाल दुआ सभागृह में आज जिला प्रशासन द्वारा जन नायक बिरसा मुण्डा समारोह आयोजित किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुये क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि जन नायक बिरसा मुण्डा ने जनता को अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह के लिये प्रेरित, प्रोत्साहित और संगठित किया। उन्होंने कहा कि हमें आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखना है और आदिवासी क्रांतिकारियों को समय-समय पर याद करना जरूरी है,क्योंकि देश की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। जन नायक बिरसा मुण्डा राजगुरू, सुखदेव और भगतसिंह की श्रेणी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका पूरा जीवन संघर्ष में बीता, इसलिये वे आज अमर हो गये हैं। इस अवसर पर कलेक्टर श्री मनीष सिंह और सीईओ जिला पंचायत हिमांशुचन्द्र विशेष रूप से मौजूद थे।
इस अवसर पर संस्कृति एवं अध्यात्म विकास विभाग की मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बनाने में जननायक बिरसा मुण्डा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा अर्पित कर कृतज्ञता ज्ञापित करना जरूरी है। झांसी की रानी ने भी बिरसा मुण्डा की तरह कम उम्र में शहीद हो गयीं। बिरसा मुण्डा आदिवासी संस्कृति, हिन्दू धर्म तथा राष्ट्र की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
इस अवसर पर विकास दधीचि ने कहा कि बिरसा मुण्डा जन नायक ही नहीं “भगवान” कहा जाना अतिशयोक्ति नहीं होगी। बिरसा मुण्डा ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिये अजीवन संघर्ष किया। वे आयुर्वेदिक जडी-बूटियों से जनता का इलाज भी करते थे। इतिहासकारों ने आदिवासी क्रांतिकारियों को भारतीय इतिहास में समुचित स्थान नहीं दिया। भारतीय वन्य संस्कृति की रक्षा करना हम सबका नैतिक दायित्व है। इतिहासकारों द्वारा भगवान बाबा रामदेव, शिंगाजी और गोगादेव के व्यक्तित्व को प्रकाशित और प्रचारित करना चाहिये।
कार्यक्रम को गोविंद सिंह भूरिया ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में गोविंद सिंह भूरिया, विठ्ठल सिंह मर्सकोले आदि का शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे। कार्यक्रम का संयोजन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बी.के.शुक्ला ने किया।