इंदौर : शहर के नागरिकों,जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारीयों की दृढ इच्छाशक्ति, अनुशासन एवं अथक प्रयासों से पिछले 4 वर्षों से इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है। अब, 5वें वर्ष भी स्वछता का मुकुट अपने नाम दर्ज करने हेतु जनभागीदारी से कई उल्लेखनीय पहल जिले में संचालित की जा रही हैं। इन्हीं अनूठे प्रयासों और शहर की स्वच्छता एवं सौन्दर्य को देख अभिभूत हो उठे शहरी विकास मंत्रालय के सचिव \ दुर्गा शंकर मिश्रा। सचिव मिश्रा ने विगत सप्ताह अपने इंदौर शहर के प्रवास के दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में जिले में किये जा रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन किया तथा यहां के स्थानीय नागरिकों से चर्चा भी की।
3 आर सिद्धांत को दिया जा रहा है बढ़ावा
अपने अनुभवों को साझा करते हुये सचिव श्री मिश्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जिले में स्वच्छता का कीर्तिमान स्थापित करने हेतु अनके प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं। शहर के सभी वार्डों में शत-प्रतिशत डोर-टू-डोर संग्रह के साथ, कचरे को पूरी तरह से स्रोत पर अलग किया जाता है और अत्याधुनिक अपशिष्ट प्रसंस्करण केन्द्रो पर आईसीटी सक्षम कचरा ट्रकों द्वारा पहुंचाया जाता है। प्लास्टिक सहित सूखे कचरे को विभिन्न श्रेणियों में अलग किया जाता है और उपयोगी उत्पादों में पुनर्नवीनीकरण/अपचयन किया जाता है। शहर में कचरे को खाद बनाया जा रहा है और जल्द ही यहां स्थापित होने वाले विश्वस्तरीय बायोमिथेनेशन संयंत्रों में इसे संसाधित किया जाएगा। बार्तन बैंक, थैला बैंक, नेकी की दीवार आदि जैसी पहल ने यहां के नागरिकों के बीच 3आर- रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया है। शहर में नदी-नाला टेपिंग कार्य द्वारा कान्ह और सरस्वती नदियों को पुनर्जीवित किया गया है। उन्होंने कहा कि इंदौर ने स्वछता के क्षेत्र में एक बहुत ऊँचा स्तर निर्धारित कर दिया है और अन्य सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए इंदौर लाइटहाउस बन गया है।
छत्रीबाग के सफल संरक्षण कार्य के लिये प्रशासन को दी बधाई
इंदौर शहर देशभर में अपनी संस्कृति और विरासत के लिए भी काफी लोकप्रिय है। जिला प्रशासन द्वारा शहर की सांस्कृतिक/ऐतिहासिक विरासत संरचनाओं का कायाकल्प करने हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। सचिव मिश्रा अपने प्रवास के दौरान इंदौर स्थित छत्रीबाग स्मारक का भ्रमण करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत उक्त स्मारक के स्वर्णिम गौरव को बनाये रखने के लिए जीर्णोद्धार का काम करके इसे संरक्षित करने का प्रयास किया है। सचिव मिश्रा ने ट्वीट में लिखा है कि भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि स्मारक को पूरी तरह से साफ किया गया है, स्थिरता के लिए संधारण के कार्य किये जा रहें हैं, पानी के तालाब और हरे क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया गया है और वॉकवे को पुनर्निर्मित किया गया है। उन्होंने इस सार्वजनिक स्थान की स्वच्छता बनाये रखने के लिए विभिन्न स्वछता वारियर्स को पुरस्कृत किया और प्रशासन को बधाई भी दी।
प्लास्टिक फ्री बन रहा इंदौर
सचिव श्री मिश्रा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि अधिकतम नर्सरी में पौधों की जड़ों और तनों को पकड़ने के लिए प्लास्टिक कवर का उपयोग किया जाता है। लेकिन इंदौर शहर में बड़ी संख्या में मशीनों द्वारा गमलों के निर्माण के लिए गाय के गोबर का उपयोग किया जा रहा है। गोबर से बने गमले ना सिर्फ पौधों की जड़ो को मजबूती देते हैं बल्कि खाद भी प्रदान करते है। सचिव श्री मिश्रा ने कहा कि इंदौर में स्वच्छता अभियान जन आन्दोलन के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। इंदौर स्वच्छता मॉडल अन्य सभी शहरों के लिये अनुकरणीय है। उन्होंने जिला प्रशासन और इंदौर के नागरिकों को स्वच्छता के इस मॉडल के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये बधाई दी।