साठ की हो गई अपनी संस्था

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अन्ना दुराई

अनेकानेक छोटे बड़े पत्रकारों की गोद में पली बढ़ी हमारी संस्था आज स्वयं साठ की हो गई है। वाक़ई पत्रकार बिरादरी का तीर्थ है इंदौर प्रेस क्लब। आम जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों को उठाने में जहाँ प्रेस क्लब ने अहम भूमिका का निर्वाह किया है वहीं अपने सदस्यों के हितों के लिए भी सदैव तत्पर रही है। प्रेस क्लब की जीवंतता ही इसे हमेशा एक क़दम आगे रखती है। प्रेस क्लब आकर हर ख़ास और सामान्य जन की भावनाओं को शब्द तथा विचारों को प्रवाह मिलता है। यहाँ से विदा लेने वाले हर अतिथियों का बार बार यहाँ आने को मन करता है।

उनका यही सोच अन्य हस्तियों को भी यहाँ आने के लिए प्रेरित करता है। प्रेस क्लब की ख़ूबी यहाँ के सदस्य पत्रकारों की शालीनता और मुद्दों के प्रति पैनी दृष्टि भी है। यही कारण है कि यहाँ आने वाले अतिथि अपनी पूरी तैयारी से आते हैं। पत्रकार साथियों की सकारात्मक भूमिका होने से हर मुद्दे पर व्यापक सोच निर्मित होता है जो व्यवस्था में बदलाव और सुधार का प्रतीक बनता है। विचारों का तेज रखने वाले पत्रकारों से विरासत में मिली परंपरा का आज भी बख़ूबी निर्वहन हो रहा है।

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ऐसा कहीं नहीं देखा, यहाँ के अनुशासन की तो बात ही कुछ और है, सर्वश्रेष्ठ है इंदौर का प्रेस क्लब, जब यहाँ आने वाले हर आमो ख़ास के मुख से ये वाक्य प्रेस क्लब के लिए निकलते हैं तो मन बेहद प्रफुल्लित हो उठता है। इसी का प्रतिफल है कि आज इंदौर प्रेस क्लब शहर तथा प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में ख़बरों का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। हर दम हर पल यहाँ ख़बरें आती हैं।

ख़बरें जाती हैं और मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रसारित होती है। मुझे भी अपनी संस्था में पदाधिकारी के रूप में सक्रिय भागीदारी निभाने का अवसर मिला है। संस्था के प्रति एक अलग ही आत्मीय लगाव एवं जुड़ाव सा है। सभी साथी आपस में प्रेम और अपनत्व का भाव रखते हैं। अपनी गतिविधियों एवं सकारात्मक स्वरूप में इसकी निरंतरता बनी रहे यही मंगलकामनाएँ….