आपका बच्चा भी बन सकता हैं शतरंज का बादशाह! पहचानें उसकी ये आदतें

Meghraj
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भारत के शतरंज मास्टर गुकेश दोम्माराजू ने हाल ही में इतिहास रचते हुए 18 वर्ष की कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीत ली। इस अद्वितीय उपलब्धि के साथ, वह विश्व शतरंज चैंपियन बनने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। सिंगापुर में खेले गए इस प्रतियोगिता में उन्होंने चीन के दिग्गज ग्रैंड मास्टर डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया।

शतरंज एक मानसिक खेल है, जिसमें हर कदम पर गहरी सोच और रणनीति की जरूरत होती है। यह खेल किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और वर्तमान में इसे बच्चों के दिमागी विकास के लिए स्कूलों में भी शामिल किया जा रहा है। बच्चों को शतरंज जैसे खेलों के माध्यम से न केवल मनोरंजन मिलता है, बल्कि उनका मानसिक विकास भी होता है।

आजकल लगभग हर घर में शतरंज की एक सेट पाई जाती है, और बच्चों के बीच यह खेल काफी लोकप्रिय भी है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपका बच्चा भी शतरंज का माहिर खिलाड़ी बन सकता है? क्या वह किसी दिन विश्व चैंपियन बन सकता है? इसके लिए कुछ खास आदतों और गुणों की जरूरत होती है, जिनकी पहचान आप कर सकते हैं। आइए जानें उन गुणों के बारे में, जिनसे यह पता चल सकता है कि आपके बच्चे में शतरंज के चैंपियन बनने की क्षमता है:

सोचने की क्षमता (Thinking Ability)

शतरंज में सफलता के लिए सबसे जरूरी गुण है, जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता। यदि आपका बच्चा कठिन समस्याओं का समाधान सोचने में सक्षम है और उसे चुनौती पसंद है, तो यह उसकी शतरंज में सफलता की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है।

धैर्य और संयम (Patience and Composure)

शतरंज एक ऐसा खेल है जिसमें हर चाल पर सोचना होता है, और हर गलती की कीमत होती है। इसलिए, यह जरूरी है कि बच्चों में धैर्य और संयम हो, ताकि वे बिना जल्दबाजी के सोच-समझ कर अपना अगला कदम उठाएं।

रणनीतिक सोच (Strategic Thinking)

शतरंज एक रणनीतिक खेल है। हर चाल के साथ एक नई योजना बनानी होती है। अगर आपका बच्चा खेलों में रणनीति बनाने का शौक रखता है, तो वह शतरंज में भी बहुत अच्छा कर सकता है।

विज्ञान और गणित में रुचि (Interest in Science and Mathematics)

शतरंज में अक्सर गणना और तर्क की आवश्यकता होती है। यदि आपका बच्चा विज्ञान और गणित में रुचि रखता है, तो यह उसके शतरंज के कौशल को और बेहतर बना सकता है। गणना की गति और तार्किक विचार शतरंज में मददगार होते हैं।

आत्मविश्वास (Self-confidence)

शतरंज में सफलता पाने के लिए खुद पर विश्वास रखना जरूरी है। यदि आपका बच्चा किसी भी कार्य को आत्मविश्वास के साथ करता है और अपने फैसलों पर भरोसा रखता है, तो वह शतरंज में भी अपनी चालों पर विश्वास करेगा।

मन की एकाग्रता (Concentration)

शतरंज एक खेल है, जहां हर चाल बेहद महत्वपूर्ण होती है। अगर आपका बच्चा किसी कार्य पर पूरी एकाग्रता से ध्यान केंद्रित कर सकता है, तो यह उसकी शतरंज में सफलता की ओर एक बड़ा कदम होगा।

सीखने और सुधारने की इच्छा (Willingness to Learn and Improve)

शतरंज एक ऐसा खेल है जिसमें निरंतर सुधार और सीखने की आवश्यकता होती है। यदि आपके बच्चे में गलतियों से सीखने और उन्हें सुधारने की इच्छा है, तो वह इस खेल में दिन-ब-दिन और बेहतर हो सकता है।

शतरंज एक ऐसा खेल है, जहां एक छोटी सी गलती पूरी बाजी पलट सकती है, और यह खेल अनिश्चितताओं से भरा हुआ होता है। एक गलत चाल और आपकी पूरी योजना ध्वस्त हो सकती है, लेकिन यही तो इस खेल की खूबसूरती है। अंग्रेजी की कहावत “A little thing is needed to ruin or to save human being” शतरंज पर पूरी तरह फिट बैठती है। यह खेल न केवल मानसिक कौशल की परख करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जीवन में हर छोटे फैसले का क्या असर हो सकता है।